Divya Deshmukh : भारत की युवा चेस खिलाड़ी दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने इतिहास रच दिया है। दिव्या देशमुख ने फिडे महिला शतरंज विश्व कप जीतकर देश को विश्वपटल पर गौरवान्वित किया है। 19 साल की दिव्या ने जिस अंदाज और दबाव के साथ यह खिताब जीता है उससे उनकी ख्याति और बढ़ गई है।
भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर दिव्या देशमुख के बचपन के कोच श्रीनाथ नारायणन ने कहा कि वह मुश्किल परिस्थितियों में भी अविश्वसनीय रूप से शांत रहती हैं।
19 वर्षीय दिव्या ने जीता फिडे महिला शतरंज विश्व कप
28 जुलाई को दिव्या (Divya Deshmukh) ने ग्रैंडमास्टर और हमवतन कोनेरू हम्पी को हराकर महिला शतरंज विश्व कप का फाइनल मुकाबला जीता था। इस मैच को जीतते ही दिव्या फिडे महिला शतरंज विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी। दिव्या ने बहुत छोटी उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था जिसका फल उन्हें अब मिला है।
करोड़ों की मालकिन है Divya Deshmukh
चेस वर्ल्ड कप चैंपियन दिव्या को इस जीत के लिए लगभग 43 लाख रुपये का इनाम मिला है। इससे पैसे जुटाकर उन्होंने करोड़ों रुपए की सम्पत्ति पहले ही बना ली थी। रिपोर्ट की माने तो दिव्या की कुल सम्पत्ति 1 करोड़ के आसपास बताई जा रही थी।
वहीं अब इस वर्ल्ड कप को जीतकर उनकी सम्पत्ति में इजाफा हुआ है और अब उनकी कुल संपत्ति लगभग 2.5 करोड़ रुपये हो गई है।
सर्वोच्च खिलाड़ी होउ यिफान को भी हराया
दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने इस साल फिडे विश्व ब्लिट्ज टीम शतरंज चैंपियनशिप में दुनिया की सर्वोच्च खिलाड़ी होउ यिफान को भी हराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी इस उपलब्धि की सराहना की है। दिव्या ने 10 से 16 जून तक लंदन में आयोजित फिडे विश्व ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में चीन की यिफान को हराया था।
यह दिव्या के करियर की सबसे बड़ी जीत में से एक है। दिव्या ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई कर लिया है।
कौन है दिव्या देशमुख?
दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) का जन्म 2 दिसंबर 2005 को महाराष्ट्र में हुआ था। हालांकि उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में ज्यादा जानकरी नहीं है। ना ही उनके लव अफेयर के बारे में उन्होंने कभी खुलकर मीडिया के सामने बात की है। उनका एकमात्र ध्येय खेलना है और देश का नाम रोशन करना है।
दिव्या (Divya Deshmukh) ने मात्र 5 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। 2012 में उन्होंने अंडर-7 राष्ट्रीय शतरंज चैंपियनशिप जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इसके बाद दिव्या लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ती गई। 2021 में वह भारत की 21वीं महिला ग्रैंडमास्टर बनी और 2023 में उन्हें इंटरनेशनल मास्टर (IM) का खिताब मिला।
2024 में लगातार किया धमाकेदार प्रदर्शन
दिव्या के लिए साल 2024 बेहद खास रहा था। उन्होंने इस साल विश्व जूनियर अंडर-20 चैंपियनशिप जीती और साथ ही लंदन में आयोजित टीम ब्लिट्ज चैंपियनशिप में दुनिया की नंबर-1 खिलाड़ी को हराकर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा था।
वहीं अब दिव्या (Divya Deshmukh) इस साल की सबसे बड़ी भारतीय शतरंज उपलब्धि का हिस्सा बन गई है। इतना ही नहीं दिव्या ओलंपियाड में तीन स्वर्ण, कई एशियाई और विश्व युवा खिताब अपने नाम कर चुकी है।
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