HDFC bank employee’s: मुंबई की एक एसडीएफसी बैंक कर्मचारी (HDFC bank employee’s) का ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आया है, जिससे सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है. बताया जा रहा है कि यह ऑडियो बैंक कर्मचारी अनुराधा वर्मा का है. इसमें वह कर्ज वसूलने के लिए एक फौजी को बुलाती है.
जब सैनिक उच्च ब्याज दर पर सवाल उठाता है, तो वह क्रोधित हो जाती है, उसे भद्दी गालियां देती है, यहां तक कि पूरी सेना और उसके शहीदों के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करती है.
देश के सेना से की बदतमीजी
एसडीएफसी बैंक ने इस बात से इनकार किया है कि महिला कंपनी की कर्मचारी है. एचडीएफसी बैंक के प्रवक्ता ने कहा, “हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि ऑडियो क्लिप में दिख रही महिला बैंक की कर्मचारी नहीं है.” वीडियो में देखा गया आचरण न तो स्वीकार्य है और न ही एचडीएफसी बैंक के मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है. ऑडियो में महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “आपको संदेश का जवाब देना चाहिए था.
इस पर एसडीएफसी बैंक कर्मचारी (HDFC bank employee’s) अनुराधा वर्मा भड़क जाती हैं और गुस्से में कहती हैं, “मैं तुम्हें 75 बार कह चुकी हूँ. अब तुम बेवकूफ हो, तो क्या कर सकते हो? अगर पढ़े-लिखे होते, तो किसी अच्छी कंपनी में काम कर रहे होते. तुम बेवकूफ हो, इसीलिए तुम्हें बॉर्डर पर भेजा गया है. बेवकूफ, अज्ञानी.”
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Employee’s ने कही आपत्तिजनक बात
आपको यह बताना चाहिए था कि ‘मैडम, मैं असहाय हूं, मैं अभी ऐसा नहीं कर सकती.'” वे कोई जवाब नहीं दे रहे हैं. फिर वह आदमी पूछता है, “मैंने आपसे कई बार पूछा है, ‘आपने मुझे 15.85 लाख रुपये का लोन दिया था. आप 16 लाख रुपये पर ब्याज कैसे ले रहे हैं?'” पुरुष एसडीएफसी बैंक कर्मचारी (HDFC bank employee’s) से ठीक से बोलने के लिए कहता है, लेकिन वह सुनने से इनकार कर देती है और कहती है, “खाना किसी का अधिकार नहीं है। यह पचेगा नहीं.” तुम्हारे जैसे ही लोगों के बच्चे विकलांग पैदा होते हैं. तुम्हारे जैसे ही लोग सीमा पर शहीद होते हैं. अभी फ़ोन रख दो. पंद्रह दिन बाद आना, मैं देखूँगा कि तुम किस तरह के तुर्रम ख़ान हो. तुम किस तरह के इंसान हो?
मैं भी एक डिफ़ेंस फ़ैमिली से हूँ. गालियाँ देते हुए वह कहती है, “मैं भी 12 साल से सीआरपीएफ़ में काम कर रही हूँ.” महिला की गाली सुनकर सिपाही कहता है, “मैं तुझे दिखा दूँगा कि तू कैसे बात कर रही है.”
“जो उखाड़ सको उखाड़ लो”
एसडीएफसी बैंक कर्मचारी (HDFC bank employee’s) कहती है, “दिखाओ मुझे…दिखाओ मुझे…तुम कितने बड़े परिवार से हो. अगर इतने बड़े परिवार से होते, तो कर्ज़ पर नहीं जी रहे होते.15-16 लाख रुपए का कर्ज़ नहीं लेते. चलो, उपदेश मत दो. कर्ज़ पर जी रहे हो, मुझे कब तक उपदेश दोगे?” सिपाही कहता है, “क्या कर्ज़ पर जी रहे हो?” महिला कहती है, “हाँ, बिल्कुल. मुझे 5,000 रुपये देकर तुम्हारी नानी याद आ गईं.” सिपाही कहता है, “अभी दिखाता हूँ, मेरे पास तुम्हारी रिकॉर्डिंग है.” औरत कहती है, “बकवास मत करो, आकर दिखाओ… रिकॉर्डिंग रख लो. जहाँ चाहो भेजो, जहाँ चाहो दिखाओ, खुलकर दिखाओ. जो चाहिए वो भेज दूँगी. कब तक मुझे देखते रहोगे? जो उखाड़ सको उखाड़ लो. आओ, दिखाती हूँ.”
सिपाही उससे अपना तैयार किया हुआ सेवा प्रमाणपत्र भेजने को कहता है, लेकिन वह जवाब देती है, “तुमने स्क्रीनशॉट क्यों नहीं लिया? मैं क्यों भेजूँ? मैं तुम्हारे बाप की नौकर हूँ। मैं पागल लग रही हूँ, तुम पाँच-छह हज़ार रुपयों के लिए रो रहे हो… फ़ोन रख दो।”
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