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10 दिन की कांवड़ यात्रा से दिक्कत नहीं, तो नमाज से क्यों…? सांसद चंद्रशेखर आजाद ने हिंन्दू धर्म पर उठाया सवाल

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Chandrashekhar Azad: इसी महीनें की 22 तारीख को सावन का महीना शुरू होने वाला है और लाखों करोड़ों शिवभक्त आपको कंधों पर कांवड़ लिए भोलेबाबा की भक्ति में लीन नजर आने वाले हैं। लेकिन इससे पहले ही आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष और नगीना सीट से पहली बार संसद पहुंचे चंद्रशेखर ने एक ऐसा बयान दे दिया है जिससे की सियासी गलियारों में और धार्मिक राजनीति करने वाले नेताओं के बीच में खलबली मच गई है। मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए चंद्रशेखर ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसके अब कई मायने निकाले जा रहे हैं। आईए हम आपको बताते हैं कि आखिर क्या बोल गए चंद्रशेखर।

Chandrashekhar Azad ने उठाया नमाज पढ़ने का मुद्दा

Chandrashekhar Azad

नगीना से सांसद चुने गए भीम आर्मी के प्रमुख और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आय दिन अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में आते रहते हैं। इसी बीच अब चंद्रशेखर ने सड़क पर नमाज पढ़ने का मुद्दा उठाकर एक नया विवाद शुरू कर दिया है। दरअसल, हाल ही में चंद्रशेखऱ नजीबाबाद के गांव चंदनपुर में पहुंचे थे। यहां पर एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि

“कांवड़ यात्रा को लेकर दस दिन तक कई रास्ते बंद हो सकते हैं कई होटल और कई अस्पताल बंद हो सकते हैं। तो फिर 20 मिनट की नमाज पढ़ने से दिक्कत क्यों हैं, ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है”

इसके साथ ही इस दौरान चंद्रशेखर ने कहा की

“क्या ये देश सिर्फ एक ही धर्म का है? यहां दूसरे धर्म को मानने वालों की इज्जत नहीं है? मेरा मानना है कि सभी धर्मों की आस्था का दिल से सम्मान होना चाहिए। ये बात सब जानते हैं, लेकिन हिंदू धर्म के किसी भी व्यक्ति के अंदर ये बोलने की हिम्मत नहीं है। ईद के दिन अगर 20 मिनट नमाज की व्यवस्था हो जाए तो किसी को भी बुरा नहीं लगेगा”

कांवड़ में कोई आपत्ति नहीं तो फिर नमाज पर क्यों?

Chandrashekhar Azad

चंद्रशेखर (Chandrashekhar Azad) का ये वीडियो 23 जून का बताया जा रहा है जो की अब जाकर इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। वीडियो में बीजेपी सरकार पर एक बाद एक कई जुबानी वार करते हुए चंद्रशेखर सरकार पर एक धर्म का पक्ष लेने का आरोप लगाते हुए कह रहे हैं कि

“मैं हाथ में पवित्र जल लेकर ये पूछता हूं कि क्या सभी धर्मों की आस्था का सम्मान नहीं होना चाहिए? मैंने कई बार नेशनल न्यूज चैनलों में ये सवाल उठाया है।

लेकिन किसी की हिम्मत नहीं है कि सरकार से इस तरह के सवाल पूछे। हिंदू धर्म की आस्था के अनुसार कांवड़ यात्रा सड़कों पर चलती है, इस दौरान सारे होटलों और अस्पतालों पर ताला लटका दिया जाता है, इससे भी तो लोगों को परेशानी होती है लेकिन हिंदुओं की आस्था को देखते हुए बाकी धर्म के लोग इस बात को सहते हैं। लेकिन अगर ईद वाले दिन बीस मिनट के लिए नमाज हो रही है तो इसे क्यों नहीं होने दिया जाता”।

बयान के बाद गरमाई सियासत

Chandrashekhar Azad

वीडियो वारल होने के बाद चंद्रशेखर (Chandrashekhar Azad) के इस बयान पर अलग अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे सभी धार्मों के सम्मान से जोड़कर देख रहे हैं तो कई लोग चंद्रशेखर के बयान को हिंदुओं के खिलाफ बता रहे हैं। वहीं इस बायन पर  हनुमान गढ़ी के संत राजू दास और नहटौर से भाजपा विधायक ओमकुमार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।

विधायक ओमकुमार ने चंद्रशेखर को करारा जवाब देते हुए कहा कि,

“अगर किसी को इतना शौक है तो वो अपने घरों में नमाज पढ़वाए। राज्य में तो सिर्फ कानून का ही राज चलेगा”। साथ ही इस दौरान उन्होंने कहा कि “सड़क नमाज पढ़ने के लिए नहीं है बल्कि चलने के लिए है”।

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