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ना बन सके सुपरस्टार, पर बन गए पावरफुल नेता – चिराग पासवान की एजुकेशन से लेकर राजनीति तक की कहानी

Chirag Paswan'S Story From Education To Politics
Chirag Paswan's story from education to politics

Chirag Paswan : भारतीय राजनीति में बिहार के युवा नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने राज्य से लेकर केंद्र तक अपनी छाप छोड़ी है। युवाओं में चिराग काफी मशहूर हो रहे है। चिराग पासवान भारत के एक युवा और प्रभावशाली राजनेता हैं जो लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता हैं।

वर्तमान केंद्र सरकार में वह केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। हालांकि लोग उनकी निजी जिन्दगी के बारे में बहुत कम जानते है। तो आइए जानते है चिराग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।

रामविलास पासवान के बेटे हैं युवा नेता चिराग पासवान

यह तो सभी को पता है कि  चिराग मशहूर राजनेता रहें रामविलास पासवान के बेटे है। एक अभिनेता के रूप में भी काम किया है, लेकिन राजनीति में उन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाते हुए बिहार और केंद्र दोनों में अपनी पहचान बनाई है। उतार-चढ़ाव, पारिवारिक विवादों और राजनीतिक संघर्षों के बीच भी उनके जीवन में एक नई ऊर्जा और उत्साह देखा गया है। इस लेख में हम उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से समझेंगे।

चिराग ना सिर्फ राजनीति में बल्कि पढ़ाई में भी रहे अव्वल

चिराग ने राजनीति में छाप छोड़ी है। लेकिन वह सिर्फ इसी में ही नहीं बल्कि पढ़ाई में भी महारत हासिल कर चुके है। उन्होंने बीटेक किया है। चिराग (Chirag Paswan) ने स्कूली शिक्षा लेने के बाद इंजीनियरिंग में दाखिला लिया था। इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद चिराग फिल्मों में अपना करियर बनाना चाहते थे। उन्होंने कई फिल्मों में अभिनेता की भूमिका निभाई, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। इसके बाद चिराग पासवान ने अपने पिता के साथ राजनीति में किस्मत आजमाई।

राजनीति से पहले फिल्मों में आजमाया हाथ

राजनीति में सफल होने वाले चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने 2011 में फिल्मों से डेब्यू किया था। उनकी पहले ही फिल्म वर्तमान सांसद कंगना रानौत के साथ थी। दोनों ने फिल्म ‘मिले ना मिले हम’ में साथ काम किया था। इस फिल्म में कंगना के अलावा पूनम ढिल्लों, सागरिका घाटगे, कबीर बेदी और नीरू बाजवा ने अलग-अलग भूमिकाएं निभाई थीं। पहली फिल्म फ्लॉप होने के बाद चिराग ने राजनीति में किस्मत आजमाई।

2014 में उतरे राजनीति में और बनाई पिता समान छवि

साल 2014 का चुनाव लोक जनशक्ति पार्टी से चिराग (Chirag Paswan) ने जमुई सीट से लड़ा था। और इस चुनाव में उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी। वहीं 2019 में भी उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी। 2019 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान का निधन हो गया था. उनके निधन के बाद चिराग पासवान का अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से मतभेद हो गया था। जिसके बाद उन्होंने खुद को पार्टी का लीड चुना था।

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