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‘खत्‍म करना तो दूर, छेड़छाड़ करने की भी नहीं सोचना…’, चिराग पासवान की राहुल गांधी को खुली चुनौती, जानिए क्या है वजह

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Rahul Gandhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) के आरक्षण पर अमेरिका में दिए बयान पर केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने मंगलवार को बड़ा हमला बोला। बता दें, चिराग पासवान ने राहुल गांधी को खुली चुनौती दे दी है। चिराग ने कहा, आरक्षण समाप्त करना तो दूर, सोचना भी अपराध है राहुल गांधी जी ( Rahul Gandhi ) ! उन्होंने सोशल मीडिया पर किए एक पोस्ट में कहा, आज राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) के बयान से कांग्रेस पार्टी की मानसिकता का पर्दाफाश हुआ है। कांग्रेस चाहती है, और उनकी प्राथमिकताओं में यह रहा है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए।

संवैधानिक व्यवस्था को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए आरक्षण जरूरी है। ऐसे में आरक्षण को समाप्त करना तो दूर, कोई उस प्रावधान से छेड़छाड़ करने की भी नहीं सोच सकता। मैं विश्वास दिलाता हूं कि जबतक मैं, और मेरी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) है तबतक न तो आरक्षण को कोई खतरा है और न ही संविधान को।

Rahul Gandhi पर चिराग पासवान का हमला 

चिराग पासवान ( Chirag Paswan ) ने कहा कि कांग्रेसी मानसिकता वाले लोग जनता को गुमराह करने के लिए ऐसे बयानों का इस्तेमाल करते आए हैं। आरक्षण का मुद्दा कांग्रेस का चुनावी जुमला है, जिससे हम सबको सावधान रहने की जरूरत है। केंद्र में लंबे अरसे तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ना तो जातीय जनगणना करा पाई और ना ही ओबीसी आरक्षण को ही लागू कर पाई। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सोच शुरू से आरक्षण विरोधी रही है। आरक्षण समाप्त करने की साजिश का दोषारोपण ये दूसरों पर करते हैं, जबकि हकीकत यह है कि ये मानसिकता इन लोगों की ही है। दोनों गठबंधनों में कितना फर्क है कि एक ओर नेता प्रतिपक्ष आरक्षण समाप्त करने की सोच रखते हैं तो दूसरी तरफ #एनडीए के सर्वमान्य नेता आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरक्षण के सभी प्रावधान को वैसे ही लागू रखने के लिए कृतसंकल्प हैं।

क्या था राहुल गांधी का बयान

दरअसल, राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने कहा था कि अगर आप दलित, आदिवासी और ओबीसी को देखें तो वे 73 प्रतिशत है। जबकि 70 में मात्र एक आदिवासी, तीन दलित, तीन ओबीसी और एक अल्पसंख्यक हैं। भारत के 90 प्रतिशत लोगों को सरकार में मात्र 10 प्रतिशत जगह दी गई है.” “अगर आप वित्तीय आंकड़े देखें तो आदिवासियों को 100 रुपये में मात्र 10 पैसे, दलित को पांच रुपये और ओबीसी को भी इतने ही मिलते हैं।  तो मुद्दे की बात यह है कि इन लोगों की सहभागिता नहीं हैं.”

राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने कहा, “समस्या यह है कि 90 प्रतिशत लोगों को हिस्सा ही नहीं मिल रहा है। भारत के बड़े व्यापारियों की सूची देखें तो शीर्ष 200 व्यापारियों में मात्र एक ओबीसी है, जबकि ये भारत की आबादी का पचास प्रतिशत है। हम सिस्टम को नहीं समझ रहे हैं, यही समस्या है.” उन्होंने कहा, “अब ये सिर्फ एकमात्र तरीका नहीं है, इसके अलावा भी दूसरे तरीके हैं। लेकिन जब भारत एक निष्पक्ष देश होगा तब हम आरक्षण को ख़त्म करने का सोचेंगे और भारत निष्पक्ष देश नहीं है.”

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