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राघव चड्ढा ने राज्यसभा में काटा बवाल, बच्चों को डॉक्टर-पुलिस बनाने पर हुए नाराज, बोले – ‘हर युवा बने नेता……’ 

Raghav Chaddha Created A Ruckus In Rajya Sabha, Said Every Youth Should Become A Leader...'

Raghav Chaddha : आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) ने गुरुवार को संसद में चुनावी मुद्दों को लेकर अपनी बात रखी हैं. उनका मानना है कि चुनावों में युवाओं कि भी भागीदारी जरूरी हैं. गुरुवार को राज्यसभा के सत्र में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि चुनाव लड़ने कि न्यूनतम आयु को 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष कर दिया जाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने मांग की हैं. क्योंकि बता दें वर्तमान में यह 25 वर्ष है.

राज्यसभा सदन में शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) ने इस मामले को लेकर कहा कि भारत एक युवा देश है लेकिन इस अनुपात में युवा राजनीति में नहीं हैं.

आप पार्टी के राघव ने राज्यसभा में रखी नई मांग

राघव (Raghav Chaddha) ने कहा, ‘भारत सबसे युवा देश में आता है. हमारे देश की औसत आयु 29 वर्ष है. देश की 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है. हमारी मध्य जनसंख्या 25 वर्ष से कम आयु की है. लेकिन क्या हमारे चुने हुए प्रतिनिधि भी युवा हैं. जैसे-जैसे देश युवा हो रहा है, हमारे चुने हुए प्रतिनिधि उन युवाओं से काफी दूर जा रहे हैं.’ उन्होंने राजनीति में युवाओं की दखल पर कहा कि भारत दुनिया में सबसे युवा देश है. लेकिन आज देश में राजनीति को बुरा पेशा माना जाता है.

 चुनाव लड़ने के लिए युवाओं की उम्र 25 से 21 की जाए

माता-पिता अपने बेटे को इंजीनियर, डॉक्टर और वैज्ञानिक, खिलाड़ी तो बनाना चाहते हैं लेकिन कोई अपने बच्चे को राजनेता नहीं बनाना चाहता. चुनाव लड़ाई की उम्र को 21 साल करने पर सुझाव देते हुए राघव (Raghav Chaddha) ने कहा कि, ‘देश में चुनाव लड़ने की उम्र 25 साल है. लोकसभा हो या विधानसभा सभी में यही प्रारूप है. आपके माध्यम से सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि सरकार उसकी उम्र 25 से घटाकर 21 साल करे.

अगर 21 साल का युवा चुनाव में रहना चाहता है तो उसे उत्साह मिलना चाहिए. जब देश में सरकार 18 साल के युवा चुन सकते हैं तो 21 साल में चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते हैं. चड्ढा ने तर्क दिया कि एक युवा देश होने के बावजूद, भारत के राजनीतिक परिदृश्य पर बुजुर्ग लोगों कि दखल ज्यादा है.

देश कि राजनीति में युवाओं को लाना जरूरी

उन्होंने (Raghav Chaddha) विशेष रूप से कहा, ‘हम एक युवा देश हैं, जिसमें बुजुर्ग राजनेता हैं, हमें युवा राजनेता एक युवा देश बनने की शपथ लेनी चाहिए.’ राघव (Raghav Chaddha) ने कहा कि, ‘इसका उद्देश्य मात्र भारत की युवा आबादी को राजनीतिक प्रतिनिधित्व के साथ जोड़ना है. जिससे शासन में नए दृष्टिकोण और  नई ऊर्जा आ सके.’

इस सुझाव से इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि युवा लोगों को राजनीति के माध्यम से देश के भविष्य को आकार देने के लिए और अधिक अवसर दिए जाने चाहिए.  उन्होंने कहा कि पहली लोकसभा में 26 फीसदी युवा थे लेकिन इस लोकसभा में 12 फीसदी ही युवा है.

राघव ने रखी चुनाव में युवाओं को भागीदारी देने की मांग

बताते चलें कि वर्तमान में संविधान के अनुसार विधानसभा का चुनाव लड़ने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष है जबकि राज्यसभा और विधानसभा परिषद के सदस्यों का चुनाव लड़ने की आयु 30 वर्ष है. देश में मतदान के लिए 18 वर्ष की न्यूनतम आयु तय की गई है.. पिछले वर्ष लॉ एंड एसोसिएट एसोसिएटेड कमेटी ने संसद में पेश कर अपनी एक रिपोर्ट में चुनावी लड़ाई की न्यूनतम सीमा आयु को घटाने की सिफारिश भी की थी.

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