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Nepal की वो Nepo Girl, जिसके पीछे पड़े Gen-Z, खूबसूरती में कैटरीना कैफ भी हैं उसके आगे फेल

That Nepo Girl Of Nepal, Whom Gen-Z Is After
That Nepo Girl of Nepal, whom Gen-Z is after

Nepal: नेपाल (Nepal) इन दिनों गंभीर राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुज़र रहा है. जैन-जी के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देने पर मजबूर कर दिया. संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक, सब कुछ आग की चपेट में आ गया. मंत्रियों के घरों और होटलों को भी नहीं बख्शा गया. जनता देख रही है कि एक तरफ़ आम नेपाली बेरोज़गारी और महंगाई से परेशान है.

दूसरी ओर, राजनेताओं के बच्चे यानि नेपो किड्स महंगी कारों, डिजाइनर हैंडबैग और विदेशी छुट्टियों का दिखावा कर रहे हैं. तो इसी बीच आइए जानें कौन है नेपाल की वो नेपो गर्ल, जिसके पीछे जेन-जेड है दीवाना, खूबसूरती के मामले में कटरीना कैफ भी हैं फेल?

इस Nepo Girl के पीछे पड़े Gen-Z

#NepoBabies और #PoliticiansNepoBabyNepal जैसे हैशटैग टिकटॉक, इंस्टाग्राम और एक्स पर वायरल हो गए. पोस्ट से पता चला कि जब आम लोग बाढ़ और गरीबी से जूझ रहे थे, तब राजनेताओं के परिवार यूरोप का दौरा कर रहे थे. पूर्व मिस नेपाल (Nepal) श्रींकला खातीवाड़ा सबसे बड़ा निशाना बनीं. वह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बिरोध खातीवाड़ा की बेटी हैं. उनकी आलीशान जीवनशैली की तस्वीरें वायरल हुईं. प्रदर्शनकारियों ने उनके घर में आग लगा दी और उनके हज़ारों सोशल मीडिया फ़ॉलोअर्स खत्म हो गए.

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नेपाल की राजनीती उथल-पुथल

Nepal ‘Gen Z’ Protesters

पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को नेपाल (Nepal) में अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है. वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री भी हैं. सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण समारोह में सुदन गुरुंग समेत कई युवा नेता मौजूद थे. नेपाल में अंतरिम सरकार बनाने में सुदान गुरुंग का भी अहम योगदान है. सुशीला कार्की के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सामने आई तस्वीरों में सुदान गुरुंग सुशीला कार्की से आशीर्वाद लेते नज़र आ रहे हैं.

Nepal की अशांति बिहार के लिए खतरा

नेपाल (Nepal) और भारत के बीच ऐतिहासिक रूप से खुली सीमा रही है. कोई भी बिना वीज़ा या पासपोर्ट के आ-जा सकता है. यह सुविधा पहले से ही दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग का प्रतीक रही है. लेकिन, दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी समन्वय का यह आधार आज खतरे का संकेत बन गया है. बिहार की 729 किलोमीटर लंबी सीमा पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, सुपौल, मधुबनी और अररिया जैसे जिलों को सीधे प्रभावित करती है.

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ और तस्करी बढ़ने का खतरा है. नेपाल की जेल से भागे कैदी बिहार में पकड़े गए हैं. भारत ने सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत करने के लिए 60 हज़ार एसएसबी जवान तैनात किए हैं, लेकिन इससे बिहार की अर्थव्यवस्था पर बड़ा बोझ पड़ सकता है।

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