Arvind Kejriwal: दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) इस विधानसभा में अपनी सीट नहीं बचा सके और ना ही वह अपनी पार्टी की सरकार बना सके। उनके लिए यह दुःख ही कम नहीं था कि उन पर एक घिनौना आरोप लग चुका है। और ये आरोप किसी और ने नहीं बल्कि तिहाड़ जेल के पूर्व अधीक्षक ने लगाया है।
तिहाड़ जेल के पूर्व अधीक्षक सुनील गुप्ता के बयान से राजनीतिक भूचाल आ गया है। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvinda Kejriwal) को लेकर उन्होंने जो खुलासे किए हैं, उससे आप की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इससे केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की छवि भी जनता की नजरों में खराब हो रही है।
दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद पर लगा आरोप
तिहाड़ जेल के पूर्व पीआरओ सुनील कुमार गुप्ता ने अपने कार्यकाल को याद करते हुए कुछ ऐसे आरोप लगाए हैं। जिससे भूचाल आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिवंगत कारोबारी सुब्रत रॉय सहारा जब कैदी थे। तब उन्हें जेल प्रशासन की ओर से विशेष सहायता मुहैया कराई जाती थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से संपर्क किया, तो उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
सुब्रत रॉय को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर नहीं उठाया कदम
उन्होंने कहा, ‘तिहाड़ में सुब्रत रॉय से मिलने एयर होस्टेस आती थीं। वह भी एक-दो बार नहीं, बल्कि कई बार। ये एयर होस्टेस घंटों उनके कमरे में रुकती थीं। उनके कमरे से शराब की बोतलें भी बरामद हुई थीं। जब हमने इस मामले के बारे में तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को बताया था। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने तिहाड़ जेल में चल रही इन अवैध गतिविधियों के बारे में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को सूचित किया था, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की।
तिहाड़ जेल में अय्याशियों की सीमा लांघी
सुनील गुप्ता ने कहा कि या तो केजरीवाल कोई कार्रवाई नहीं कर पाए या फिर उन्होंने समझौता कर लिया। मीडिया से बात करते हुए गुप्ता ने कहा कि “सुब्रत रॉय सहारा को जेल में नहीं रखा गया, उन्हें कोर्ट परिसर में रखा गया था।”
गुप्ता ने आगे कहा, “ऐसी स्थिति में मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचा था। इसलिए मैंने तत्कालीन जेल मंत्री की मौजूदगी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से संपर्क किया था। मैंने उन्हें सुब्रत रॉय सहारा को दी जा रही सुविधाओं के बारे में सब कुछ बताया और कहा कि ये सुविधाएं जेल प्रशासन की मिलीभगत से दी जा रही हैं।”
अरविंद ने नहीं लिया था कोई एक्शन
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने मुझसे पूछा कि क्या मैं इसका वीडियो बना सकता हूं। तो मैंने उनसे कहा कि मेरे लिए यह ठीक नहीं होगा और वह खुद यहां आकर इसकी जांच कर सकते हैं। तब उन्होंने कहा कि डीजी जेल एक आईपीएस अधिकारी हैं जो केंद्र सरकार के अधीन आते हैं और हमें नहीं पता कि हम उनके बारे में कुछ कर सकते हैं या नहीं। इसके बाद अरविंद (Arvind Kejriwal) ने इसके लिए कोई एक्शन नहीं की थी।
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