जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी और सत्ता की लड़ाई अब सचिन पायलट को भारी पड़ी है और कांग्रेस ने सचिन पायलट पर बड़ा कदम उठाया लिया है। सचिन पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया है साथ ही उन्हें राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। सचिन पायलट कांग्रेस के किसी भी पद पर नहीं हैं।
मंत्रियों पर भी कार्रवाई
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जयपुर में प्रेसवार्ता में घोषणा की है कि सचिन पायलट कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष से बर्खास्त करने के साथ ही उन्हें उप-मुख्यमंत्री पद से हटा दिया जा रहा है। यहीं नहीं सचिन पायलट के समर्थक रमेश मीणा और विश्वेंद्र सिंह को भी मंत्री पद से हटा दिया है। गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है।
केंद्रीय नेतृत्व की नहीं मानी
जब से विवाद शुरू हुआ तब से अशोक गहलोत बार-बार कह रहे थे कि सचिन पायलट से बात करने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सचिन पायलट से बात कर रहे थे। लेकिन रणदीप सुरजेवाला वाला ने बताया कि सचिन पायलट ने किसी की नहीं मानी और वो नहीं मान रहे हैं।
भाजपा से मिलने का आरोप
रणदीप सुरजेवाला ने सचिन पायलट पर आरोप लगाया कि सचिन पायलट भाजपा शासित राज्य हरियाणा में बैठे हैं। हरियाणा सरकार उनको सपोर्ट कर रही है भाजपा के साथ मिलकर वह राजस्थान सरकार को कमजोर करने की राजनीति कर रहे हैं और यह किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है। इसी के चलते हमने इसी के तहत सचिन पायलट पर कार्यवाही की है।
राजभवन पहुंचे गहलोत
रणदीप सुरजेवाला की घोषणा के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान के गवर्नर कलराज मिश्रा से मुलाकात की है और बर्खास्त किए हुए मंत्रियों की पूरी लिस्ट राज्यपाल कलराज मिश्र को सौंप दी है। आपको बता दें कि इस पूरे मामले में गहलोत शुरू से ही सचिन पायलट को बिल्कुल महत्व नहीं देते दिख रहे थे।