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300 किलो लड्डू और तिरूपति मंदिर, राम मंदिर समारोह में हुई चौंकाने वाली घटना, भक्तों का बना मजाक 

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Tirupati Mandir: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसने भक्तों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। इस समारोह के दौरान तिरूपति मंदिर (Tirupati Mandir) के 300 किलो लड्डू का वितरण किया गया, जिसने भक्तों की आस्था को एक नया मोड़ दिया। क्या यह श्रद्धा का प्रतीक है या भक्तों का मजाक उड़ाने का एक साधन? आइए, इस दिलचस्प मामले पर एक नजर डालते हैं।

Tirupati Mandir के लड्डू में पशु चर्बी का विवाद

अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में तैयार किए गए प्रसाद लड्डू में पशु चर्बी मिलाने की खबर पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि यदि लड्डू में वाकई पशु चर्बी का उपयोग किया गया, तो यह अक्षम्य है और ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने शुक्रवार को प्रयोगशाला रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि घी में पशु की चर्बी और अन्य अशुद्धियां पाई गई हैं। यह खुलासा न केवल श्रद्धालुओं के विश्वास को ठेस पहुंचाता है, बल्कि धार्मिक मान्यताओं पर भी सवाल उठाता है। इस विवाद ने भक्तों के बीच चर्चा का एक नया मुद्दा खड़ा कर दिया है, जो आस्था और श्रद्धा को प्रभावित कर सकता है।

तिरुपति मंदिर के घी की जांच में चौंकाने वाला

तिरूमाला तिरूपति देवस्थान (टीटीडी) के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शामला राव ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि मंदिर के घी के टेंडर के लिए कुछ आपूर्तिकर्ता अत्यधिक कम रेट दे रहे थे, जो अव्यावहारिक था। उन्होंने बताया, “इतनी कम कीमत में कोई भी यह नहीं कह सकता कि यह गाय का शुद्ध घी है।”राव ने आगे कहा कि सभी आपूर्तिकर्ताओं को चेतावनी दी गई है कि अगर उनका घी लैब टेस्ट में पास नहीं हुआ, तो उन्हें काली सूची में डाल दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि घी के सभी नमूनों को सरकारी लैब में जांच के लिए भेजा गया था और हाल ही में आई रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली थी। इस खुलासे ने भक्तों के बीच आस्था और विश्वास को प्रभावित करने वाला नया विवाद उत्पन्न कर दिया है।

तिरुपति मंदिर के घी में मिलावट: लैब रिपोर्ट से खुलासा

शामला राव ने बताया कि लैब रिपोर्ट के अनुसार, तिरुपति मंदिर के घी के सैंपल में मिलावट पाई गई है। इसमें वेजिटेबल ऑयल, सूअर की चर्बी, पॉम ऑयल, भैंस की चर्बी, मछली का तेल, अंगूर के बीज और तीसी के तेल का मिश्रण शामिल था। उन्होंने बताया कि शुद्ध दूध के फैट की वैल्यू 95.68 से 104.32 के बीच होनी चाहिए, जबकि जांच किए गए घी के सैंपल की वैल्यू मात्र 20 के आसपास थी।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...

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