Chandra Grahan 2025: चंद्र ग्रहण 2025 (Chandra Grahan 2025) के दौरान 7 सितंबर की रात को आसमान में एक अद्भुत खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा. साल 2025 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण भाद्रपद पूर्णिमा को लगेगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण 2025 के दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहा जाता है.
यह दृश्य भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा. इस बीच, आइए आगे जानते हैं ग्रहण के शुरू होने और खत्म होने का सही समय और किन राशियों पर पड़ेगा इसका असर?
कब शुरू और खत्म होगा Chandra Grahan?
वर्ष 2025 का अंतिम चंद्र ग्रहण 2025 (Chandra Grahan 2025) भाद्रपद पूर्णिमा यानी रविवार, 7 सितंबर को लग रहा है, इसी दिन श्राद्ध पक्ष भी आरंभ हो रहा है. यह चंद्र ग्रहण शनि की राशि कुंभ और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगने जा रहा है और इस दौरान सूर्य, बुध और केतु ग्रह भी चंद्रमा पर दृष्टि रखेंगे. साथ ही चंद्रमा शतभिषा नक्षत्र से पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में प्रवेश करेगा. ग्रहण रात्रि 9:57 बजे शुरू होगा और रात्रि 1:26 बजे समाप्त होगा. हालांकि ग्रहण करीब दो घंटे तक रहेगा, लेकिन इसका प्रभाव दो दिन यानी 7 और 8 तारीख तक रहेगा.
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इस राशि पर पड़ेगा क्या प्रभाव?
मेष : लाभ, वृष : सुख, मिथुन : सुयश, कर्क : कष्ट, सिंह : स्त्री पीड़ा, कन्या : सुख, तुला : चिंता, वृश्चिक : व्यथा, धनु : धन लाभ, मकर : क्षति, और कुंभ : घात मीन: हानि.
धार्मिक और पारंपरिक मान्यता
भारतीय संस्कृति में चंद्र ग्रहण 2025 (Chandra Grahan 2025) को अशुभ माना जाता है. कई परिवारों में ग्रहण के दौरान खाने-पीने, बाहर घूमने और त्वचा पर तेल लगाने जैसी परंपराएँ होती हैं. ये परंपराएँ ज़्यादातर आस्था और पवित्रता से जुड़ी होती हैं, वैज्ञानिक प्रमाणों से नहीं.
इस बार चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहा जा रहा है. अगर चंद्र ग्रहण भारत में प्रत्यक्ष दिखाई देगा, तो सूतक काल पूरी तरह मान्य होगा और धार्मिक रीति-रिवाजों और मान्यताओं का पालन भी उसी के अनुसार होगा.
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