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Diwali 2025: दिवाली पर क्यों जलाते हैं अखंड ज्योत? जानें क्या कहती हैं धार्मिक मान्यताएं

Diwali 2025: दिवाली पर क्यों जलाते हैं अखंड ज्योत? जानें क्या कहती हैं धार्मिक मान्यताएं

Diwali: हिंदू धर्म में दिवाली (Diwali) यानी दीपों का त्योहार न सिर्फ रोशनी का प्रतीक है बल्कि यह अच्छाई पर बुराई की जीत और ज्ञान के प्रकाश का संदेश भी देता है। इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है और घर-आंगन में दीपक जलाए जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि दिवाली पर “अखंड ज्योत” (Akhand Jyot) क्यों जलाई जाती है और इसका धार्मिक महत्व क्या है? आज हम अपने इस आर्टिकल में आपको बताने जा रहे है कि आखिर क्यों द्विज पर अखंड ज्योत जलाई जाती है।

क्या है Akhand Jyot का मतलब?

Akhand Jyot

अखंड ज्योत (Akhand Jyot) का मतलब है कि ऐसी लौ जो लगातार जलती रहे और कभी बुझने न पाए। यह दीपक दिवाली (Diwali) की रात लक्ष्मी पूजन के समय जलाया जाता है कर ऐसा माना जाता है कि जब तक यह दीपक चलता रहता है, तब घर में मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। यह ज्योत निरंतरता, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक प्रकाश का प्रतीक मानी जाती है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार क्या है इसका महत्व?

आपको बता दें, हिन्दू धर्म में दीपक (Diwali) को पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक माना गया है। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि जहां दीपक जलता है वहां अंधकार, नकारात्मकता और दरिद्रता का नाश होता है। दिवाली की रात को मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और ऐसे घरों में प्रवेश करती हैं जहां सफाई, शांति और रोशनी होती है। इसलिए अखंड ज्योत (Akhand Jyot) जलना का विशेष महत्व है। यह इस बात का प्रतीक है कि आपके घर में लक्ष्मीजी के स्वागत की तैयारियां पूरी हैं और वहां सदा प्रकाश, समृद्धि और सकारात्मकता बनी रहेगी।

क्या है परंपरा

दिवाली के दिन शाम के समय, लक्ष्मी-गणेश पूजा से पहले या बाद में अखंड ज्योत (Akhand Jyot) जलाई जाती है। आमतौर पर यह दीपक घी या तिल के तेल से जलाया जाता है और इसे उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित किया जाता है। दीपक में दो बत्तियां लगाई जाती हैं। एक भगवान गणेश के लिए और दूसरी मां लक्ष्मी के लिए। यह दीपक तब तक जलता रहना चाहिए जब तक दिवाली (Diwali) की रात समाप्त न हो जाए। कुछ लोग इसे अगले दिन गोवर्धन पूजा तक भी जलाए रखते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व

अखंड ज्योत (Akhand Jyot) जलाना केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। दीपक (Diwali) से निकलने वाली रोशनी और ऊष्मा वातावरण को शुद्ध करती है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। घी या तिल के तेल से जलने वाला दीपक हवा में सकारात्मक आयन उत्पन्न करता है, जो मानसिक शांति और ऊर्जा प्रदान करते हैं।

आध्यात्मिक संदेश

अखंड ज्योत (Akhand Jyot) का आध्यात्मिक अर्थ यह है कि जैसे यह दीपक बिना रुके जलता रहता है, वैसे ही हमें भी अपने जीवन में विश्वास और भक्ति की ज्योत को जलाए रखना चाहिए। यह हमें सिखाता है कि चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, आस्था और सकारात्मक सोच की लौ कभी बुझनी नहीं चाहिए।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...

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