Festival: इस महीने में गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा जैसे कई महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार (Festival) आएंगे. इस महीने में देवी-देवताओं की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है. इसके अलावा सितंबर में ही पितृ पक्ष भी शुरू हो जाएगा, इसलिए पितरों को तर्पण करने से उनके वंशजों को भी पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. तो चलिए अब जानते हैं कि सितंबर महीने में और कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार आएंगे.
सितंबर 2025 में 9 प्रमुख पर्व (Festival)
1. हरतालिका तीज भाद्रपद की तृतीया तिथि को पड़ने वाला एक त्यौहार (Festival) है. इस बार यह त्यौहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियां अच्छे जीवनसाथी के लिए व्रत रखती हैं.
2. भगवान गणेश के जन्मदिन को गणेश चतुर्थी के रूप में ये त्यौहार (Festival)मनाया जाता है. इस बार यह विशेष दिन 26 और 27 अगस्त को मनाया जाएगा. यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है और भक्ति, पूजा और विसर्जन के साथ समाप्त होता है. वहीं, अनंत चतुर्थी 6 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी।
3. भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम पूर्णिमा को मनाई जाने वाली भाद्रपद पूर्णिमा एक विशेष धार्मिक अवसर है. 7 सितंबर को इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करके व्रत रखा जाता है और यह समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है.
4. पितृ पक्ष के पहले दिन को प्रतिपदा तिथि श्राद्ध कहा जाता है, जो विशेष रूप से हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रतिपदा तिथि को मरने वाले पूर्वजों के लिए मनाया जाता है. इस दिन पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान किया जाता है, ताकि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनका आशीर्वाद प्राप्त हो. आरंभ तिथि – 7 सितंबर रात 11:38 बजे से और यह श्राद्ध 8 सितंबर से शुरू हो रहा है.
5. संकष्टी गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के प्रति श्रद्धा और भक्ति का एक विशेष दिन है, जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. 2025 में यह पवित्र दिन 10 सितंबर को पड़ रहा है, जो प्रत्येक भक्त के लिए एक धन्य अवसर है.
6. हिंदू पंचांग के अनुसार, कन्या संक्रांति के दिन श्री विश्वकर्मा पूजा का त्यौहार (Festival) बड़े उत्साह और भक्ति भाव से मनाया जाता है. यह धार्मिक पर्व न केवल भारत में, बल्कि नेपाल में भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व हर साल 17 सितंबर को मनाया जाता है और 2025 में भी यही तिथि रहेगी. इस पावन दिन भगवान विश्वकर्मा की विधिवत पूजा की जाती है.
7. प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है, जो हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा करने से विवाहित महिलाओं और कुंवारी कन्याओं को भी अनेक प्रकार के आशीर्वाद प्राप्त होते हैं. वर्ष 2025 में प्रदोष व्रत 19 सितंबर को मनाया जाएगा.
8. हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या वह विशेष दिन है जब चंद्रमा पूरी तरह से अदृश्य हो जाता है और उसकी छाया दिखाई नहीं देती. इस दिन चंद्रमा की ऊर्जा मंद हो जाती है, जबकि पितरों का प्रभाव और आशीर्वाद अधिक महसूस होता है. यही कारण है कि अमावस्या को पितरों की पूजा और श्रद्धांजलि का दिन माना जाता है. इस दिन चंद्रमा और सूर्य का मिलन होता है, जिससे अंतर शून्य हो जाता है. 2025 में अमावस्या का त्यौहार मासिक शिवरात्रि के साथ 21 सितंबर को मनाया जाएगा.
9. शारदीय नवरात्रि का त्यौहार (Festival) हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है, जो भक्तों के लिए अपार श्रद्धा और उल्लास का समय होता है. इस अवसर पर देवी दुर्गा की पूजा की जाती है, जो महिषासुर के साथ नौ दिनों तक चले ऐतिहासिक युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद पृथ्वी पर आई थीं। 2025 में शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रही है, जिसे पूरे देश में हर्षोल्लास एवं श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा. समापन तिथि – (1 अक्टूबर तक).
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