हिंदू धर्म के अनुसार पूजा का घर सबसे पवित्र स्थान माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जहां पर घर में मंदिर बना हो वह कोना बहुत ही साफ सुथरा होना चाहिए. हमारे घर के पूजा घर में भगवान का वास होता है, इसी वजह से इस स्थान को सभी जगहों से सबसे पवित्र माना गया है. ऐसी स्थिति में पूजा घर को लेकर कुछ ऐसी बातों को ध्यान रखना चाहिए. आज हम आपको बताएंगे कि हमारे घर में पूजा स्थल की सही दिशा कौन सी होनी चाहिए और किन-किन चीजों का चुनाव करके रखना चाहिए, जिससे हमारे पूजा घर में कोई दोष ना उत्पन्न हो.
पूजा घर में भूल के कभी न करें ये काम
हिंदू धर्म में पूजा पाठ करने का एक सही समय होता है, परंतु कुछ लोग समय बिना देखे ही कभी भी पूजा करना आरंभ कर देते हैं. ऐसा कभी न करें, क्योंकि देवी-देवताओं का भी एक समय होता है, जिस समय हम उनकी पूजा आस्था में लीन हो सके. ऐसा करने से हमारे घर में देवी-देवता प्रसन्नता से आते हैं, और सदैव अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं.
- सोने से पहले रात को मंदिर घर पर पर्दा कर दें.
- पूजा करते समय मूर्ति के आमने सामने नहीं बल्कि दाएं होके बैठे.
- मंदिर घर के बर्तनों को पूजा करने से पहले प्रतिदिन साफ करें .
- मंदिर घर को सदैव साफ हाथों से स्पर्श करें.
- घर में दो शिवलिंग 3 गणेश 3 देवी मूर्ति की और दो शालिग्राम नहीं रखना चाहिए. ऐसा करने से गृह स्वामी को अशांति मिलती है.
- पूजा घर का मुख्यद्वार कभी भी लोहे का नहीं होना चाहिए.
- पूजा घर कभी भी शयनकक्ष में नहीं होना चाहिए.
- पूजा घर में खंडित मूर्तियां नहीं स्थापित करना चाहिए.
- प्रतिदिन चढ़ाये हुए पुष्प को हटाते रहना चाहिए, बासी पुष्प न रहने दें.
पूर्व और उत्तर दिशा में पूजा घर होना सबसे अच्छा
जब भी हम नया घर बनवाते हैं या बने हुए घर को सुसज्जित करते हैं, तो हर जगह को विभाजित कर देते हैं. ऐसे में किचन रूम, लिविंग रूम, वॉशरूम, पूजा घर ,जिसमें हम अपने कुल देवी देवताओं को रखते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार हमारे दिन की शुरुआत शरीर की साफ-सफाई के बाद सबसे पहले हम पूजा घर में प्रवेश करते हैं.
भगवान की पूजा करके अपने दिन की शुरुआत करते हैं. ऐसे में यह जानना बेहद आवश्यक है, कि हमें अपना पूजा घर किस दिशा में रखनी चाहिए?जिससे हमारे जीवन में किसी भी प्रकार का की कोई भी दोष ना पड़े.
ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि पूजा घर अगर गलत दिशा में बना होगा तो घर में कई तरह की परेशानियां उत्पन्न होंगी एवं जीवन में हमारे किसी भी प्रकार की सुख शांति नहीं मिलेंगी. सकारात्मक ऊर्जा नहीं मिलेगा. इससे नकारात्मक पहलू मजबूत हो जाएंगे, इसीलिए हमें सदैव अपने पूजा घर को “उत्तर एवं पूर्व दिशा” में रखना चाहिए.
ऐसा माना जाता है, कि ईशान कोण में उजागर होने से घर में तथा उसमें रहने वाले लोगों पर सकारात्मक ऊ र्जा का प्रभाव पड़ता है जिससे देवी देवता प्रसन्न होकर पूजा करने का परिणाम देते हैं.