Diwali: हिंदू धर्म में दीपावली (Diwali) का पर्व रोशनी, खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन को मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा करने पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में धन, वैभव और सौभाग्य का वास होता है। इसी कड़ी में आइए जानते हैं दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की सही पूजा की विधि, आवश्यक सामग्री और शुभ मुहूर्त…..
Diwali की पूजा का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली (Diwali) मनाई जाती है। था तिथि मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और गणपति की पूजा के लिए सर्वोत्तम मानी जाती हैं। पुराणों में उल्लेख है कि इस दिन समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। इसलिए इस दिन उनकी आराधना विशेष फलदायी मानी जाती है।
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क्या है लक्ष्मी-गणेश पूजा की विधि?
1. घर की शुद्धि और सजावट:
दिवाली (Diwali) के दिन लक्ष्मी- गणेश जी की पूजा से पहले घर की साफ-सफाई करना जरूरी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी स्वच्छ और पवित्र स्थान पर ही निवास करती हैं। द्वार पर रंगोली बनाएं और दोनों ओर दीप जलाएं।
2. पूजा स्थान की तैयारी:
इसके बाद घर के उत्तर-पूर्व दिशा या पूरब दिशा में एक चौकी बिछाकर लाल या पीले वस्त्र से ढकें। चौकी पर लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्तियां या चित्र स्थापित करें।
3. पूजन सामग्री:
फिर पूजन सामग्री में फूल, धूप, दीपक, रोली, चावल, कपूर, गंगाजल, मिठाई, पान, सुपारी, सिक्के, कलश, नारियल और नए नोट रखें।
4. गणेश जी की पूजा पहले करें:
सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करें और उन्हें पुष्प, मिठाई, फल अर्पित करें। गणपति की आराधना से पूजा में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।
5. मां लक्ष्मी की पूजा करें:
अब मां लक्ष्मी का आह्वान करें। उनके चरणों में पुष्प अर्पित करें, फिर दीप जलाएं और आरती करें। ध्यान रखें कि दीपक तिल के तेल या घी का होना चाहिए।
6. कुबेर और विष्णु जी की पूजा:
मां लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर और भगवान विष्णु की भी पूजा करें ताकि धन के साथ-साथ सुख-शांति का आशीर्वाद मिले।
7. आरती और प्रसाद:
पूजा के अंत में लक्ष्मी-गणेश आरती करें। फिर परिवार के सभी सदस्य प्रसाद ग्रहण करें और दीप जलाकर घर के हर कोने को रोशन करें।
Diwali पूजन का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, 2025 में दिवाली (Diwali) 20 अक्टूबर (सोमवार) को मनाई जाएगी।
- अमावस्या तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर रात 10:25 बजे
- अमावस्या तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर रात 8:42 बजे
- लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त: 20 अक्टूबर को शाम 6:58 से रात 8:25 बजे तक
यह मुहूर्त प्रदोष काल और स्थिर लग्न में पड़ता है, जो पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
पूजा के बाद क्या करें
दिवाली (Diwali) की पूजा के पश्चात घर के हर कोने में दीप जलाएं, खासकर तिजोरी, रसोईघर और मुख्य द्वार पर। अगली सुबह दीपक को जलाकर मां लक्ष्मी का आभार प्रकट करें। जरूरतमंदों को मिठाई, कपड़े या भोजन का दान करें, इससे पूजन का फल कई गुना बढ़ता है।
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