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2025 धनतेरस कब है? 18 या 19 अक्टूबर… यहाँ देखें सही तिथि और समय?

Kab-Hai-Dhanteras-2025

Dhanteras: हमारे देश में दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस (Dhanteras) से हों जाती है। यह दिन धन, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन घरों में मां लक्ष्मी और भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है। लोग नई वस्तुएं, विशेषकर सोना-चांदी और बर्तन खरीदते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। आइए जानते हैं कि धनतेरस 2025 में पूजा का शुभ समय क्या है और इसे किस दिन मनाया जाएगा 18 या 19 अक्टूबर?

Dhanteras 2025 की तिथि और पंचांग

Dhanteras

पंचांग के अनुसार धनतेरस (Dhanteras) 2025 में 18 अक्टूबर (शनिवार) को मनाई जाएगी। त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 17 अक्टूबर की रात 9:56 बजे से होगी और यह 18 अक्टूबर की रात 8:18 बजे तक रहेगी। चूंकि प्रदोष काल और स्थिर वृषभ लग्न जो पूजा के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है 18 अक्टूबर की शाम को पड़ रहा है, इसलिए मुख्य पूजा इसी दिन यानी 18 अक्टूबर को की जाएगी।

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धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त

  • प्रदोष काल: शाम 5:49 बजे से रात 8:18 बजे तक
  • स्थिर वृषभ लग्न: शाम 6:55 बजे से रात 8:50 बजे तक
  • मुख्य पूजा समय: शाम 7:16 बजे से 8:20 बजे तक

धनतेरस का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह दिन भगवान धनवंतरि से जुड़ा हुआ है, जो समुद्र मंथन के समय अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन स्वास्थ्य और चिकित्सा से जुड़े क्षेत्र के लोग विशेष पूजा करते हैं। इसके अलावा, धनतेरस को मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

परंपरा के अनुसार इस दिन घर की साफ-सफाई करके दीपक जलाना, दरवाजों पर तोरण और बंदनवार लगाना, रंगोली बनाना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि दीप जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और मां लक्ष्मी का घर में प्रवेश होता है। लोग अपने घरों में सोने-चांदी के बर्तन, सिक्के, झाड़ू और नए वस्त्र भी रखते हैं। कुछ लोग नए वाहन, प्रॉपर्टी या इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं भी खरीदते हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से यह दिन निवेश के लिए भी शुभ माना गया है।

क्या है पूजा की विधि

धनतेरस (Dhanteras) पूजा विधि में घर की पूर्व दिशा में भगवान धनवंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर की मूर्ति स्थापित की जाती है। शुद्ध घी के दीपक जलाकर पूजा की जाती है। लक्ष्मी माता को कमल के फूल, मिठाई और पंचमेवा अर्पित किया जाता है। धनवंतरि देव को तुलसी दल और धूप अर्पित कर मंत्र का जाप किया जाता है। “ॐ धन्वंतरये नमः” और “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का उच्चारण करने से पूजा की शुद्धता और प्रभाव बढ़ता है।

दान- पुण्य का है महत्व

धनतेरस (Dhanteras) के दिन दान-पुण्य भी अत्यंत फलदायी माना गया है। गरीबों को भोजन, वस्त्र या धन देना पुण्य का काम है। इस दिन दीपक जलाना, घर की सफाई करना और लक्ष्मी पूजा करना घर में धन और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।

सभी पंचांगों और ज्योतिष स्रोतों के अनुसार, धनतेरस 2025 को 18 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा। पूजा का श्रेष्ठ समय शाम 7:16 से 8:20 बजे तक रहेगा। यह दिन घर में धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस शुभ अवसर पर दीप जलाना, वस्त्र और बर्तन खरीदना, दान करना और पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...

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