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कौन हैं धन्वंतरि जिनकी होती है धनतेरस पर पूजा? जानें धनतेरस से जुड़ा रहस्य

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Dhanteras: हिंदू धर्म में दीपावली पर्व की शुरुआत धनतेरस से हो जाती है, जिसे ‘धनत्रयोदशी’ भी कहा जाता है। इस दिन पूरे देश में भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व होता है। बहुत से लोग सोचते हैं कि धनतेरस (Dhanteras) केवल धन-समृद्धि की देवी लक्ष्मी के आगमन का दिन है, लेकिन इसके पीछे एक गहरा और रहस्यमय धार्मिक महत्व छिपा हुआ है। इसी कड़ी में आइए जानते है कौन हैं भगवान धन्वंतरि, और क्यों इस दिन उनकी पूजा कैसे होती है, और क्या है धनतेरस से जुड़ा रहस्य।

कौन हैं भगवान धन्वंतरि?

Dhanteras

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक और देवताओं के वैद्य कहा जाता है। समुद्र मंथन के दौरान जब देवताओं और असुरों ने क्षीर सागर को मथा, तब चौदह रत्नों के साथ भगवान धन्वंतरि भी प्रकट हुए थे। वे अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर निकले थे। यही कारण है कि उन्हें अमृत, आयु और स्वास्थ्य का देवता माना जाता है।

भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले धन्वंतरि का स्वरूप अत्यंत दिव्य बताया गया है उनके चार हाथ हैं, जिनमें वे शंख, चक्र, अमृत कलश और आयुर्वेद ग्रंथ धारण किए रहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने ही मानव जाति को रोगमुक्त रहने का ज्ञान दिया, जो आगे चलकर “आयुर्वेद” के रूप में विकसित हुआ।

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Dhanteras के दिन क्यों की जाती है भगवान धन्वंतरि की पूजा?

धनतेरस (Dhanteras) का दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। ‘धन’ का अर्थ सिर्फ सोना-चांदी नहीं, बल्कि ‘स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि’ भी है। इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की आराधना करने से न केवल आर्थिक सुख बल्कि अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त होता है।

शास्त्रों में कहा गया है, कि “आरोग्यं परमं भाग्यं”, अर्थात् स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। इसलिए धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा से बीमारियों से मुक्ति और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।

Dhanteras पर दीपदान का महत्व

धनतेरस (Dhanteras) की रात को यमराज के नाम का दीपक जलाने की परंपरा भी है। कहा जाता है कि इस दिन दीपदान करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। कथा के अनुसार, एक बार राजा हिम की पुत्रवधू ने अपने पति की मृत्यु को टालने के लिए धनतेरस की रात दीपों की रोशनी से अपने घर को चमका दिया था। यमराज जब सांप के रूप में आए, तो प्रकाश और भक्ति से प्रभावित होकर बिना कुछ कहे लौट गए। तब से यह परंपरा चली आ रही है।

धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या न खरीदें

इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं। माना जाता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु जीवन में वृद्धि और समृद्धि लाती है। हालांकि लोहे की वस्तु, काले रंग की चीजें और कांच की वस्तुएं खरीदने से परहेज किया जाता है।

धनतेरस का रहस्य और संदेश

धनतेरस (Dhanteras) का असली रहस्य सिर्फ धन-संपत्ति अर्जित करने में नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और सकारात्मक जीवन को अपनाने में है। भगवान धन्वंतरि हमें सिखाते हैं कि यदि शरीर स्वस्थ है, तो जीवन की हर सफलता संभव है। इसलिए इस दिन हमें स्वास्थ्य, स्वच्छता और आयुर्वेदिक जीवनशैली को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए।

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Kamakhya Reley is a journalist with 3 years of experience covering politics, entertainment, and sports. She is currently writes for HindNow website, delivering sharp and engaging stories that connect with...

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