Navaratri 2025: शारदीय नवरात्रि (Navaratri 2025) के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान रहता है. ऐसा माना जाता है कि देवी की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसका समापन 2 अक्टूबर को विजयादशमी पर होगा. नवरात्रि का आठवां दिन यानी महाअष्टमी 29 सितंबर 2025, सोमवार को पड़ेगा.
यह दिन मां दुर्गा की उपासना में विशेष महत्व रखता है. इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. इसी बीच चलिए आगे जानते हैं पूजा की विधि, शुभ मुहूर्त और खास नियम?
शुभ मुहूर्त
पंडितों के अनुसार, नवरात्रि (Navaratri 2025) के महाअष्टमी का पूजा मुहूर्त प्रातःकाल से ही शुरू होकर दिनभर चलता है. अष्टमी तिथि 28 सितंबर रात 11:50 बजे से शुरू होकर 29 सितंबर रात 9:15 बजे तक रहेगी. ऐसे में 29 सितंबर की सुबह से दोपहर तक का समय अष्टमी पूजन व कन्या पूजन के लिए सबसे शुभ माना गया है.
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पूजा विधि
नवरात्रि (Navaratri 2025) के महाअष्टमी के दिन प्रातः स्नान कर घर के मंदिर को साफ करें और मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने कलश स्थापित करें. मां महागौरी को सफेद वस्त्र, सफेद फूल और नारियल अर्पित करना शुभ माना जाता है.
धूप-दीप जलाकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
नवरात्रि (Navaratri 2025) में नौ कन्याओं को आमंत्रित कर उन्हें भोजन कराएं, यह पूजन का अहम हिस्सा है.
कन्याओं को चुनरी, बांगल, फल, प्रसाद और दक्षिणा देकर विदा करना चाहिए.
इस दिन व्रत रखने वाले भक्त अष्टमी की पूजा के बाद फलाहार या प्रसाद ग्रहण करते हैं.
खास नियम और मान्यता
महाअष्टमी के दिन कन्या पूजन और बलि प्रथा का विशेष महत्व बताया गया है. हालांकि आजकल बलि की जगह नारियल चढ़ाने की परंपरा अपनाई जाती है.
मान्यता है कि कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर पूजने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
इस दिन व्रत करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है.