हिंदू धर्म अनुसार ऐसी कई बातें हैं, जो हिंदु धर्म के लोग स्नान करने का सही तरीका नहीं जानते हैं या कभी-कभी वह इन सब बातों से अनजान रहते हुए, स्नान को करने के बाद जब उन्हें पता लगता है, तो पश्चाताप करते हैं. ऐसे में ही हिंदू धर्म में स्नान करने के भी कई प्रकार के नियमों का पालन करना पड़ता है. आज आइए जानते हैं. ऐसे कौन कौन से नियम हैं, जिसे हमें अपनाना चाहिए.
स्नान करने का सही तरीका
विष्णु पुराण में यह बताया गया कि जब भी कोई स्त्री पूरी तरीके से नग्न होकर स्नान करती है, जो गलत है ऐसा कहा जाता है कि स्त्री के कपड़ों से गिरने वाले जल को उसके पितृ ग्रहण करते हैं. इससे पितृ तृप्त होते हैं. इसीलिए कभी भी स्नान करते समय वस्त्र पूरी तरह ना निकाले. सदैव वस्त्र सहित स्नान करें. ऐसा ना करने से हमारे पितृ नाराज हो जाते हैं. जिसकी वजह से लोगों को पितृ दोष मिलता है.
स्नान के बाद क्या है जरुरी बातें
कई लोगों के नहाने के तरीके अलग होते हैं. कभी-कभी लोग दिन में तीन चार बार नहा लेते हैं. नहाना तो अच्छा है, लेकिन नहाने का एक समय होता है. ऐसी बहुत सी गलतियां हैं, जिसे हम नजरअंदाज कर देते हैं. नहाने के बाद अक्सर लोग जिले टॉवल को लपेट लेते हैं. जबकि ऐसा कभी नहीं करना चाहिए, गीले बालों में भी तौलिया नहीं लपेटने चाहिए ऐसा करने से हमारे बाल कमजोर पड़ जाते हैं. और टूटने लगते हैं.
नहाने के बाद लोग अक्सर लूफा को गिला छोड़ देते हैं, ऐसे में बैक्टीरियल इनफेक्शन होने के चांसेस सबसे ज्यादा होते हैं. गिले लूफे में आसानी से बैक्टीरिया पैदा हो जाते है. शाम को कभी भी स्नान नहीं करना चाहिए. इससे स्त्रियों को उनके सुहाग में दोष माना जाता है.
स्नान करने का सही समय
स्नान करने के लिए समय सदैव सूर्योदय से पहले रखना चाहिए. उससे पहले अगर तेल से शरीर में मालिश कर लेते हैं, तो मालिश करने के आधे घंटे बाद स्नान करना चाहिए. स्नान करते समय स्रोत पात्र पाठ कीर्तन या भगवान का नाम जपना चाहिए. स्नान करते समय सिर पर पानी डालें. फिर पूरे शरीर फिर से शरीर की ऊपर भागों की गर्मी पैरों से निकल जाए. गले से नीचे के शरीर भाग पर गर्म (गुनगुना) पानी से स्नान करने से शक्ति बढ़ती है. किंतु सर पर गर्म पानी डालकर स्नान करने से बालों तथा नेत्र शक्ति को हानि पहुंचती है.