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भगवान श्रीराम को एक अप्सरा ने दिया था ऐसा श्राप जो बना मृत्यु का कारण

भगवान श्रीराम को एक अप्सरा ने दिया था ऐसा श्राप जो बना मृत्यु का कारण

हम सभी जानते हैं कि 5 अगस्त को रामजन्म भूमि अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर का भूमि पूजन किया गया था जो कि एक ऐतिहासिक दिन माना जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जोकि विष्णु भगवान के सातवें अवतार थे, श्री राम अपने वचनों का पालन करने के लिए 14 वर्ष तक अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वन में रहे थे। वैसे तो श्री राम के वन से जुड़े कई किस्से सुने होंगे, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे किस्से के बारे में जो आपने शायद ही सुना हो जी हां, एक ऐसी पौराणिक कथा है, जिसमें एक अप्सरा ने भगवान श्रीराम को श्राप दे दिया था।

क्या है वह पौराणिक कथा

प्रभु श्री राम से जुड़ी पौराणिक कथाओं में से एक कथा श्री राम के द्वारा किए गए बालि के वध से जुड़ी हुई है, किष्किंधा का राजा बाली देवराज इंद्र का पुत्र था बाली जिससे भी लड़ता था वह चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो उसकी आधी शक्ति बाली में चली जाती थी, जिससे सामने वाला कमजोर पर जाता था और मार दिया जाता था।

हम आपको बता दें कि बाली ने अपने भाई सुग्रीव की पत्नी और उनकी संपत्ति को हड़पकर सुग्रीव को राज्य से बाहर निकाल दिया था। उसके बाद जब भगवान श्री राम वनवास के दौरान सुग्रीव से मिले तो सुग्रीम ने अपनी यह करुण कथा भगवान श्रीराम को सुनाई। यही कारण था कि श्रीराम ने सुग्रीव के बड़े भाई बाली से युद्ध करने को कहा और युद्ध के चलते ही श्रीराम ने छुपकर बाली पर तीर चला दिया और बाली को मार राज्य सुग्रीव को सौंप दिया था।

किसने दिया था भगवान श्रीराम को श्राप

सुग्रीव के बड़े भाई बाली की पत्नी तारा को जब यह खबर मिली कि भगवान श्री राम ने बाली का वध कर दिया है, तो उनको काफी दु:ख हुआ उसके बाद जब तारा को यह पता चला कि किस तरह से उनके बलवान और शक्तिशाली पति को छल से मारा गया है, तो यह उन्हें बहुत ही बुरा लगा और उन्हें बहुत गुस्सा आया।

हम आपको बता दें कि बाली की पत्नी तारा एक अप्सरा थी, जो कि समुद्र मंथन से बाली को प्राप्त हुई थी। तारा ने भगवान श्रीराम को गुस्से में श्राप दे दिया। बाली की पत्नी तारा के द्वारा दिए गए श्राप में तारा ने श्री राम से कहा

“आप अपनी पत्नी सीता को रावण से वापस पाने के बाद उन्हें फिर से खो देंगे और वह आपसे बहुत दूर चली जाएंगी।”

इसके अलावा तारा ने यह भी कहा कि अगले जन्म में उनकी मृत्यु उनके पति (बाली) द्वारा ही होगी।

 

बाली ने मृत्यु के समय अपने पुत्र अंगद को दिया था ये 3 संदेश

आपको बता दें कि बालि का एक पुत्र भी था, जिसका नाम अंगद था। बाली ने मृत्यु के समय अपने पुत्र अंगद को शिक्षा दी थी, उन्होंने कहा था कि मेरी बात ध्यान रखना देश, काल में परिस्थितियों को पूरा करना और कोई भी कार्य सोच समझ कर करना। दूसरी बात यह कही थी कि किसके साथ कब कैसा व्यवहार करना चाहिए इस बात का विशेष ध्यान रखना।

बाली ने कहा तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमेशा अपने मन में क्षमा भाव रखना, सुख दुख का सहन करना, क्योंकि यही जीवन का सार होता है।

हम आपको बता दें कि भगवान विष्णु ने आठवें अवतार में भगवान श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया था। भगवान श्री राम के अवतार में जो भी उन्हें श्राप मिला था वह सच हुआ इस जन्म में भगवान श्री कृष्ण के इस अवतार का अंत बाली के अवतार भील के द्वारा ही हुआ था।

मेरा नाम उर्वशी श्रीवास्तव है. मैं हिंद नाउ वेबसाइट पर कंटेंट राइटर के तौर पर...

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