भारत-श्रीलंका (IND vs SL) के बीच खेले गए दूसरे ODI मुकाबले में दीपक चाहर (Deepak chahar) की धुंआधार पारी ने टीम इंडिया की नईया पार करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी. इतना ही नहीं सीरीज पर जीत हासिल करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है. उनकी 69 रन की पारी लगातार चर्चाओं का विषय बनी हुई है. इस बारे में खुद तेज गेंदबाज का एमएस धोनी को लेकर क्या कहना है, जानिए इस खास रिपोर्ट के जरिए….
दीपक चाहर ने धोनी को दिया दूसरा वनडे जीतने का श्रेय
अपनी विस्फोटक पारी के बारे में तेज गेंदबाज का कहना है कि, एमएस धोनी (MS Dhoni)को मैच फिनिश करते हुए देखने का फायदा उन्हें कोलंबों के इस मुकाबले में मिला है. उन्होंने इस बारे में एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि,
“पूर्व कप्तान को मैच में करीब से देखना. खासकर जिस अंदाज में वो मुकाबले को फिनिश करते हैं. जब आप उनसे बात करते हैं, तो वह हमेशा आपको खेल को गहराई से लेने के लिए कहते हैं. हर कोई चाहता है कि हम जीतें. वह हमेशा मुझसे कहते हैं कि मैच आखिर तक ले जाना तुम्हारे हाथ में है और अगर तुम ऐसा कर सके और तुम्हारे पास ओवर हों तो मैच रोमांचक हो सकता है, तो मैं वही कर रहा था.”.
यह पूछे जाने पर कि क्या एक गेंदबाज के रूप में देखा जाना उनके लिए मायने रखता है? तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने दीपक चाहर (Deepak chahar) ने कहा कि,
“मैंने हमेशा अपनी बल्लेबाजी पर काम किया है. मेरे पिता मेरे कोच रहे हैं. जब मैं उनसे बात करता हूं तो हम हमेशा अपनी बल्लेबाजी के बारे में बात करते हैं. लोग मुझे ऑलराउंडर के तौर पर देखते हैं या नहीं इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है. जो बल्लेबाज मेरे साथ खेल रहा है, उसमें विश्वास होगा कि मैं घूम सकता हूं और अपना विकेट नहीं दूंगा. एक बल्लेबाज के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि उसका साथी उसका साथ देगा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लोग मुझे ऑलराउंडर के तौर पर देखते हैं या नहीं”.
राहुल द्रविड़ की भी हुई तारीफ़
आगे चाहर (Deepak chahar) ने कोच द्रविड़ को लेकर भी बड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि,
“राहुल द्रविड़ पहली बार सीनियर टीम को कोचिंग दे रहे हैं. लेकिन, वह ए टीम के साथ काफी समय से रहे हैं और मैनें उनके मार्गदर्शन, कोचिंग में खेला है. कई बार बल्लेबाजों और मेरे बीच में आउट होने की स्थिति पैदा हुई है. मैंने भारत ए के लिए अच्छी पारियां खेली हैं और यही वजह है कि, राहुल सर को मुझ पर भरोसा है. जब भी कोच आपके सपोर्ट में होता है तो ये बात आपके दिमाग में होती है कि, वो आपके साथ है”.
उन्होंने आगे बातचीत के दौरान कहा कि,
“जब मैं क्रुणाल के साथ बल्लेबाजी कर रहा था तो मेरी भूमिका बिल्कुल अलग थी. मुझे स्ट्राइक रोटेट करनी थी. लेकिन, जब भुवनेश्वर आए तो मेरे दिमाग में यह बात थी कि क्या मुझे अपने शॉट खेलने की जरूरत है? लेकिन, जिस तरह से उन्होंने शुरुआत की वह सहज दिख रहे थे और इससे मुझे आत्मविश्वास मिला. उनकी बल्लेबाजी ने मेरा हौसला बढ़ाया और मुझे जोखिम लेने की जरूरत नहीं पड़ी”.
टी 20 विश्व कप में जगह मिलने पर कही ये बात
इसके बाद जब दीपक चाहर (Deepak chahar) से यह सवाल पूछा गया कि, क्या यूएई में अक्टूबर-नवंबर में खेले जाने वाले टी20 विश्व कप पर उनकी निगाहें गड़ी हैं? तो इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि,
“विश्व कप अभी दूर है, मेरा बस एक ही लक्ष्य है और वो ये है कि, बल्ले और गेंद दोनों से खुद को साबित करना. चयन मेरे हाथ में नहीं है यह किसी खिलाड़ी के हाथ में नहीं है. हम सिर्फ प्रदर्शन कर सकते हैं. मैं बल्ले से अपनी क्षमता दिखाने के मौके की तलाश में था.
बीते दो साल से मुझे लंबे समय तक बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला. इसलिए यह अच्छा मौका था. मुझे खुशी है कि मैं इस मौके का फायदा उठाने में कामयाब रहा”.
तो ये है दीपक चाहर की सफलता का राज
इसके साथ ही तेज गेंदबाज ने ये भी स्पष्ट किया कि, वो अपनी गेंदबाजी पर काम करने और विविधता लाने पर भी ध्यान दे रहे हैं. इस बारे में उन्होंने कहा कि,
“मैं बीते कुछ समय से टी20 प्रारूप खेल रहा हूं. अगर आपके पास उस प्रारूप में विविधता नहीं है तो बल्लेबाजों के लिए यह आसान हो सकता है. स्विंग विकेट और परिस्थितियों पर निर्भर करता है. लेकिन यदि आपको विविधता मिलती है तो आप इस फॉर्मेट में अपनी पकड़ बना सकते हैं. मैंने पिछले गेम में नॉकबॉल पर एक विकेट लिया था”.