रॉबिन उथप्पा

भारतीय क्रिकेट के बैट्समैन रॉबिन उथप्पा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की शुरुआत 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किये थे। जब वह खेलने आये थे तो ऐसा लग रहा था कि वह लंबे समय के लिए खेलने आये है। लेकिन ऐसा नही हुआ उन्होंने वनडे सीरीज सिर्फ 46 मैच ही खेल पाए। और टी20 का कैरियर सिर्फ उनका 13 मैच ही रह पाया। इस छोटे से कैरियर के लिए उथप्पा ने एक यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए बताए कि ऐसा क्यों हुआ, क्योंकि वह लंबे समय के लिए नही खेल सके।

उथप्पा ने बात चीत के दौरान बताया कि बल्लेबाजी का जो क्रम था उसमें बार बार बदलाव होता रहा, जिसके वजह से उनके करियर को नुकसान पहुंचा।

रॉबिन उथप्पा का छलका दर्द, इन्हें ठहराया अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म होने का जिम्मेदार

उथप्पा भारत के लिये 46 वनडे मैच खेले थे। जिसमे उन्होंने 934 रन बनाये थे। उन्होंने 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए पहले मैच में 83 रन की अच्छी पारी खेले थे। वही 13 टी 20 मैच में उन्होंने 249 रन बनाए। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय आंकड़े देख कर आप को पता चल जाएगा कि वह 3 से ज्यादा मैच में एक ही पोजीशन पर बल्लेबाजी नही किये है।

उस वक़्त हर तीसरे मैच में उनके बल्लेबाजी का क्रम बदल दिया जाता था। जिसके वजह से मैं लम्बे समय के लिए नही खेल सका। वहीं बात करते हुए उथप्पा ने कहा कि अगर मैं 49 मैच एक ही क्रम में बल्लेबाजी करता तो आज मैं भारत के लिए 149 या 249 मैच खेल जाता.

टीम के लिए था फायदा

उथप्पा ने बताया कि उस वक़्त टीम के लिए ये सही था, लेकिन उनके लिए उनका आंकड़ा खराब हो रहा था। वहीं उथप्पा ने तेज गेंदबाज श्रीसंत की तारीफ भी किये उन्होंने श्रीसंत की तुलना पूर्व कप्तान कपिल देव और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी से कर दिए। उन्होंने बताया कि श्रीसंत जब वापसी किए तब वह लय में दिखे थे। और उनकी आउट स्विंग और गेंद की सीम पोजिशन अब भी बेहतरीन है।

रॉबिन उथप्पा का छलका दर्द, इन्हें ठहराया अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म होने का जिम्मेदार

रॉबिन उथप्पा ने बताया कि वह हमेशा टीम की जरूरत को सबसे ऊपर रखे थे। उन्होंने कहा कि टीम में सचिन, सहवाग, गांगुली और गौतम गंभीर जैसे प्लेयर होते हुए भी हम अपना जगह बनाया, लेकिन यह नही सोचे थे कि वह लंबा नही चल सकेंगे। लेकिन लगातार बैटिंग क्रम में बदलाव कभी आगे कभी पीछे क्रम में खेलने से ऐसा हुआ।

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