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खुद को साबित करने का KL Rahul के पास आखिरी मौका, वर्ना हाथ से निकल जाएगा गोल्डेन चांस

Kl Rahul

भारत (Indian team) और साउथ अफ्रीका (South Africa) के बीच वनडे सीरीज का पहला मैच 19 जनवरी को पार्ल में खेला गया था। जहां भारतीय टीम को 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के साथ ही भारत 3 मैचों की वनडे सीरीज में 0-1 से पिछड़ गई। पहले मैच में मिली हार के बाद नियमित कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की गैरमौजूदगी में कप्तानी कर रहे केएल राहुल (KL Rahul) को लेकर अब सवाल उठने लगा है।

कप्तानी में ‘फ्लॉप’ साबित हुए KL Rahul

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच वनडे सीरीज के पहले मैच में जहां भारत का खराब प्रदर्शन देखने को मिला। तो वहीं, दूसरी तरफ केएल राहुल (KL Rahul) की कप्तानी पर भी सवाल उठने लगा है। बता दें कि हाल ही में समाप्त हुए साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में विराट के नहीं खेलने पर राहुल टीम की कप्तानी करते हुए नजर आए थे। उस समय भारतीय टीम पहले टेस्ट को जीतकर सीरीज में 1-0 से आगे थी. लेकिन राहुल की कप्तानी में भारतीय टीम का दूसरे टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। नजीतन दूसरे टेस्ट में हार के साथ सीरीज बराबर हो गई. वहीं, अब वनडे सीरीज के पहले मैच में भी ना ही उनकी बल्लेबाजी समझ आई और ना ही कप्तानी।

प्लेइंग 11 को लेकर उठ रहा सवाल

बता दें कि वनडे सीरीज का पहला मैच हारने के बाद सबसे पहले कप्तानी कर रहे केएल राहुल (KL Rahul) द्वारा चुनी गई प्लेइंग इलेवन को लेकर सवाल उठने लगा। इसके साथ ही पूरे मैच के दौरान राहुल की सुस्त कप्तानी भी देखने को मिली। जिसका फायदा मेजबान देश ने बड़ी ही अच्छी तरह से भुनाया। एक समय भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका पर हावी दिख रही थी। महज 68 रन पर उसके 3 विकेट भी गिर चुके थे। लेकिन राहुल की ढीली कप्तानी ने सारे किए कराए पर पानी फेर दिया। जिसका फायदा उठाते हुए अफ्रीका ने 296 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया। वहीं, इसके बाद वह बल्लेबाजी में भी कुछ कमाल नहीं कर सके 17 गेंदो में सिर्फ 12 रन ही बना सके।

खुद को साबित करने का आखिरी मौका

बता दें कि हाल ही में विराट कोहली ने भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था। जिसके बाद से यह कयास लगाया जा रहा है कि केएल राहुल (KL Rahul) को भारतीय टेस्ट टीम का नया कप्तान बनाया जा सकता है। लेकिन हलिया दिनों में उन्हें टी20 और टेस्ट में कप्तानी करने का मौका मिला था। जिसमें उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। वहीं, टीम को भी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में यदि उनके कप्तानी के प्रदर्शन पर गौर करे तो उनका टेस्ट में कप्तान बनना मुश्किल लग रहा है। हालांकि अभी भी उनके पास बतौर कप्तान अपने आप को साबित करने का आखिरी मौका है. जिसके लिए उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ बचे दोनों वनडे मैच को जीतकर साबित करना होगा।

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