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कैम्प छोड़कर भाग जाते थे Harbhajan Singh, दोस्त बस स्टैंड से पकड़ कर लाते थे, जानिए ऑफ स्पिनर के जीवन का अनसुना किस्सा

कैम्प छोड़कर भाग जाते थे Harbhajan Singh, दोस्त बस स्टैंज से पकड़ कर लाते थे
कैम्प छोड़कर भाग जाते थे Harbhajan Singh, दोस्त बस स्टैंज से पकड़ कर लाते थे

Harbhajan Singh: क्रिकेट की दुनिया में तमाम क्रिकेटर्स के किस्से अक्सर सुनने को मिलते रहते है, लेकिन टीम इंडिया की तरफ से खेलते हुए क्रिकेटर्स के किस्से काफी दिलचस्प होते है। ऐसा ही एक किस्सा है टीम इंडिया के पूर्व बेहतरहीन स्पिनरों में से एक स्पिनर से जुड़ा, जिन्होंने भले ही इंटरनेशल क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी शानदार गेंदबाजी को भला कौन भूला सकता है।

बता दें ये और कोई नहीं तेज गेंदबाज हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ही है। जिन्होंने अपनी जिंदगी में अधिकतर समय घर से बाहर ही बिताया है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब इनका घर से बाहर रहना मुश्किल होता था, आइये इस आर्टिकल के जरिए आपको बताते है Harbhajan Singh के जीवन से जुड़ा एक दिलचस्प और अनसुना किस्सा।

एक वक्त घर से बाहर रखना Harbhajan Singh के लिए था मुश्किल

कैम्प छोड़कर भाग जाते थे Harbhajan Singh

दरअसल हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनका नाम आज भी दुनिया के बेहतर स्पिनरों में गिना जाता है। बता दें हरभजन सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में कोलकाता में खेले गए टेस्ट मैच में हैट्रिक ली थी और वह टेस्ट में भारत के लिए हैट्रिक लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए थे।

वहीं दौर था जब उनके करियर ने ट्रेन की रफ्तार पकड़ी और वो तेजी से आगे बढ़ते चले गए। वहीं साल 2007 में जब भारत ने विश्व कप जीता तो हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) टीम का हिस्सा थे। इसके साथ ही साल 2011 वनडे विश्व कप जीतने वाली टीम इंडिया के भी वो हिस्सा रहे। लेकिन अपने करियर में उन्हें घर से बाहर ही रहना पडा वहीं एक वक्त ऐसा था जब उनका घर से बाहर रहना मुश्कल होता था।

मजे-मजे में ट्रयल्स देने गए थे हरभजन

मजे-मजे में ट्रयल्स देने गए थे Harbhajan Singh

हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) का जीवन काफी मुश्किल दौर में गुजरा है। वहीं उनके जीवन का एक किस्सा काफी ज्यादा सुर्खियों में रहा था। बता दें काफी समय पहले टीवी के शो ‘जीना इसी का नाम है पर भज्जी ने अपने टीम इंडिया में सेलेक्शन को लेकर बताया था कि कैसे उनका टीम इंडिया में सेलेक्शन हुआ था। उन्होंने बताया था,

”पहली बार जब हम ट्रायल्स देने गए , हमने अखबार में पढ़ा था कि ऑल इंडिया ट्रायल्स हो रहे हैं तो हम मजे करने गए थे, लेकिन जैसे जैसे ट्रायल्स चलता गया, जालंधर के 30 में से दो लड़के सेलेक्ट हुए थे। मैं सेलेक्ट हुआ था। लेकिन बाकी वापस आ रहे थे तो मैंने कहा कि मैं क्या करुंगा मैं भी चलता हूं लेकिन एक दोस्त ने मुझे बोला तेरा नाम आया तू रुक। मैंने फिर ट्रायल्स चलता गया और मैं सेलेक्ट हूं गया”

होस्टल जाने से किया था मना

होस्टल जाने से किया था मना

इसके साथ ही हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) ने बताया था कि,

इसके बाद जब मुझे पता चला कि तीन साल घर से बाहर चंडीगढ़ होस्टल में रहना है तो मेरे बस से बाहर हो गई। मैंने घर वालों से मना कर दिया कि मुझे नहीं जाना है। मैं घर से बाहर नहीं रहा था। इसलिए मेरा वहां रहना मुश्किल भी हो गया था। मैंने कई बार कोशिश भी की कि मैं वहां से भाग जाउं। बहुत बार लड़के पकड़े के भी लाए कि नहीं। नहीं जाना है यहां खेलना है। वो दो साल मुश्किल समया था, वहां से मुझे जीवन के बारे में पता चला”

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