व्यक्ति जब कुदरती या जिंदगी के पढ़ाव में अपने शरीर से लाचार हो जाता है तो उसके पास खूद की किस्मत को कोसने के सिवाय और कुछ नहीं बचता है. इसी में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस लाचारी को खूद पर बोझ नहीं बनने देते और मेहमत करते रहते हैं. इस बात […]
व्यक्ति जब कुदरती या जिंदगी के पढ़ाव में अपने शरीर से लाचार हो जाता है तो उसके पास खूद की किस्मत को कोसने के सिवाय और कुछ नहीं बचता है. इसी में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस लाचारी को खूद पर बोझ नहीं बनने देते और मेहमत करते रहते हैं. इस बात […]