अभी वो तो ठीक से अपने पिता की गोद मे खेल भी नहीं पाई थी…ठीक से पिता का चेहरा अपनी नन्ही आँखों में उतार भी नहीं पाई थी, कि समय ने ऐसा चक्र चलाया कि पिता का साया ही सिर से उठ गया. अब उसे कौन उंगलियां पकड़ कर चलना सिखाएगा….उसे कौन दुनियादारी के पाठ […]
अभी वो तो ठीक से अपने पिता की गोद मे खेल भी नहीं पाई थी…ठीक से पिता का चेहरा अपनी नन्ही आँखों में उतार भी नहीं पाई थी, कि समय ने ऐसा चक्र चलाया कि पिता का साया ही सिर से उठ गया. अब उसे कौन उंगलियां पकड़ कर चलना सिखाएगा….उसे कौन दुनियादारी के पाठ […]