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उत्तर प्रदेश: बढ़ते कोरोना संक्रमण पर मुख्यमंत्री ने इन सात जिलों के लिए लिया कठोर निर्णय

उत्तर प्रदेश: बढ़ते कोरोना संक्रमण पर मुख्यमंत्री ने इन सात जिलों के लिए लिया कठोर निर्णय

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 को हराने के लिए कोरोना वायरस से एक कदम आगे की सोच रखने के लिए आला अधिकारियों से कहा है. इसी के साथ उन्होंने सूबे में 1 लाख टेस्ट प्रतिदिन करने के लिए कार्ययोजना बनाकर उसे क्रियान्वित करने के निर्देश भी दिए हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि 30 लाख से अधिक की आबादी वाले जनपदों में रैपिड एन्टीजन टेस्ट के द्वारा 2 हजार टेस्ट प्रतिदिन और इससे कम जनसंख्या वाले जिलों में कम से कम 1,000 टेस्ट प्रतिदिन रैपिड विधि से कराएं।

आर0टी0पी0सी0आर0 के माध्यम से प्रदेश में 35 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं। मुख्यमंत्री ने जनपद लखनऊ, गाजियाबाद, कानपुर नगर, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर तथा बलिया में बढ़ते कोरोना संक्रमण चिंता जताते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए है. उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वे के माध्यम से मेडिकल स्क्रीनिंग का कार्य सघन रूप से करने के निर्देश दिए.

गौरतलब है कि गत एक हफ्ते से सूबे में कोरोना संक्रमण का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. 24 जुलाई को ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2712 हो गई तो वहीं लखनऊ में 297 मरीज हो गये हैं.

मुख्यमंत्री के आवश्यक निर्देश…..

  • टेस्टिंग किट, दवाई, वेंटीलेटर तथा अन्य जरूरी सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने के लिए समय से सभी प्रक्रियाएं पूरी की जाएं।
    सर्विलांस टीम द्वारा प्रभावी ढंग से मेडिकल स्क्रीनिंग का कार्य किया जाए। इसी के साथ मानिटरिंग भी करें.
  • जिला प्रशासन को निर्देश निजी चिकित्सालयों को कोविड अस्पतालों में परिवर्तित करें.
  • कन्टेनमेंट जोन में एन0सी0सी0 कैडेटों तथा सिविल डिफेंस के लोगों की सेवाएं भी प्राप्त करें.
  • कोविड-19 तथा संचारी रोगों को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में चलाया जाये स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन अभियान.
  • आगामी शनिवार तथा रविवार को सेनिटाइजेशन, फॉगिंग आदि कराया जाए.
  • सभी नोडल अधिकारी इन कार्यों की प्रभावी मानिटरिंग करें.
  • शनिवार तथा रविवार को साप्ताहिक बन्दी रहेगी। इसलिए लोग अनावश्यक अपने घरों से बाहर न निकले.
  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों  की प्रभावित जनता के लिए राहत सामग्री, चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ पशुओं के लिए चारे आदि की व्यवस्था करें.

 

 

 

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