कानपुर एंकाउंटर में थाने से पुलिस टीम की दबिश की मुखबिरी का फोन आते ही विकास आग बबूला हो गया था। वह जोर-जोर से दहाड़ने लगा कि आने दो पुलिस टीम को किसी को जिंदा नहीं छोड़ेंगे आज। उसने आनन फानन में फोन कर अपने शूटर साथियों को इकट्ठा किया। इसके बाद असलहे, कुल्हाड़ी और बांका रखा। उसकी तैयारी ही ऐसी थी कि वह दबिश में आने वाले किसी भी पुलिस कर्मी को जिंदा वापस नहीं जाने देगा। यह खुलासा हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के पकड़े गए साथी दयाशंकर ने किया।
आठ बजे रात थाने से आया था फोन
दयाशंकर ने पुलिस को बताया कि विकास के पास रात आठ बजे थाने से फोन आया था। फोन करने वाले ने पुलिस को बताया कि देर रात उसके यहां दबिश डाले जाने की तैयारी चल रही है। फोन कॉल सुनते ही वह आग बबूला हो गया। उसने फोन करके आनन फानन में अपने शूटर साथियों को बुला लिया और पूरी तैयारी कर ली। विकास ने कहा कि सभी पुलिस कर्मियों को कफन में भेजुंगा।
विकास ने क्रूरता की सारी की हदें पार….
विकास ने पुलिस कर्मियों को मारने में माओवादियों की तरह क्रूरता की सारी हदें पार कर दी। उन्हें मारने में रोंगटे खड़े कर देने वाली क्रूरता की। दबिश देने के लिए पहुंचे पुलिस कर्मियों के पोजीशन लेते ही विकास औऱ उसके साथियों ने छत से ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू की। जान बचाने के लिए पुलिस कर्मी भागे कुछ लोग खंडहर पड़े बाथरूम में घुसे तो कुछ किसी घर के दरवाजे को खटखटाने लगे।
इस बीच विकास के साथ पहुंचे उन्होंने बाथरूम में घुसे पुलिस कर्मियों को खींचा और मौत की नींद सुला दी। सीओ देवेंद्र के सिर पर गोली दागी। इसके बाद कुल्हाड़ी से उनका पैर काट डाला।
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