कानपुर एनकाउंटर मामले मे अब धीरे-धीरे अपराधी विकास दुबे का रसूख सामने आ रहा है. सोशल मीडिया पर देर रात तक विकास की फोटो वर्तमान कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के साथ खूब वायरल होती रही. तो कुछ मे वो कांग्रेस के पूर्व नेता के साथ भी दिखाई दिया है. चुंकि ब्रजेश पाठक कानून मंत्री हैं और उनके इस पद पर रहते हुए अपराधी विकास को आजीवन कारावास मे बेल मिल गईं. जबकि उस पर 60 से अधिक मुकदमे चल रहे थे.
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने उठाया सवाल
इस सम्बन्ध मे तो पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने ही अपने फेसबुक पेज के जरिये सवाल उठाय. उनके मुताबिक जिस हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने पुलिस टीम गई थी, उस पर कुल 60 मुकदमे थे। उसने कानपुर देहात के थाना शिवली में वर्ष 2001 में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त संतोष शुक्ला की कार्रबाइन से फायरिंग कर हत्या की थी। इसके बाद इसे आजीवन कारावास हुआ था।
आजीवन कारावास से कैसे ये पैरोल पर या बेल पर बाहर आया, ये बहुत चिंता और जांच का विषय है। ये बेहद गंभीर विषय है। ये घटना बताती है कि हमारी निगरानी और सर्विलांस तंत्र में स्थानीय पुलिस द्वारा बहुत लापरवाही बरती गई है।
इसी वजह से ये दोबारा बड़ा अपराधी बन गया और बड़ी संख्या मे एक साथ इतने पुलिस अधिकारियो व कर्मियों को मारने मे सफल हुआ. विक्रम सिंह ने मामले की सघन जाँच की मांग की भी बात उठाइ है. तो वहीँ ट्वीटर सहित तमाम सोशल मीडिया पर वायरल विकास दुबे की फोटो ने कई बातो पे सवालिया निशान लगाए है.
कानून मंत्री के साथ अपराधी की तस्वीर
वायरल फोटो पर किसी ने शहीद पुलिसकर्मियों की पूरी ज़िम्मेदारी योगी सरकार पर मढी है तो किसी ने फोटो को पुरानी बताया है. ऐसे मे सवाल ये उठता है कि फोटो पुरानी हो या नई पर सवाल तो खड़े ही हो गए हैं, जिसपर जाँच होना जरुरी है, शायद तभी शहीदों की आत्मा को शांति मिल सकेगी.
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