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कानपुर सरकारी बालिका गृह मामला: महिला कल्याण विभाग ने सुप्रीमकोर्ट का आदेश भी रखा ताख पर, अखिलेश यादव ने कही ये बात

कानपुर सरकारी बालिका गृह मामला: महिला कल्याण विभाग ने सुप्रीमकोर्ट का आदेश भी रखा ताख पर, अखिलेश यादव ने कही ये बात
कानपुर के स्वरूप नगर स्थित सरकारी बालिका बालग्रह मे एक के बाद एक 57 से अधिक लड़कियों के कोरोना संक्रमित होने और ताजा रिपोर्ट में 7 लड़कियों के प्रेग्नेंट होने की खबर ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी सरकार से जल्द से जल्द दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है.
इसी के साथ यह भी आरोप लगाया है कि संस्था  में इतनी अधिक लड़कियों के एक साथ करो ना पॉजिटिव पाए जाने का मतलब है कि कोरोना संक्रमण पर एहतियात नहीं बरता गया. जो आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया था उसकी अवहेलना भी की गई है.
 
सामाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिल्ली को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई है. साथ ही प्रभावित बालिकाओं को यथोचित क्षतिपूर्ति दिए जाने तथा प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग करते हुए दोषी अफसरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है.
नूतन ने अपनी शिकायत में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 3/ 4/2020 को बाल सुरक्षा गृहों हेतु कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए, जिसकी प्रति ईमेल के माध्यम से उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजी गयी थी. इस आदेश में कोविड से बचाव के लिए तमाम बिन्दुओं पर 15 पृष्ठो में विस्तार से निर्देश दिए गए हैं.
नूतन के अनुसार इसके बाद भी कानपुर संवासिनी गृह में इतनी बड़ी संख्या मे बच्चियों के कोरोना संक्रमण होने से तो ये साफ जाहिर होता है कि महिला कल्याण विभाग के उच्चाधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. इसी के साथ जहाँ उक्त संवासिनी गृह की अधिकतम क्षमता 100 बच्चियों की थी, वहीँ वहां 171 बच्चियां रखी जा रही थी और 26 स्टाफ रखे गए थे, जो निर्धारित संख्या से बहुत अधिक थे.
इसी प्रकार 7 बच्चियां गर्भवती थीं और लगभग 6 माह से वहां रह रही थीं, इसके बाद भी उनके स्वास्थ्य के प्रति कोई भी अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया. इससे स्पष्ट होता है कि विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की खुली अवहेलना की है. उन्होंने इस संबंध में अविलंब क्षतिपूर्ति एवं जाँच कराते हुए कार्यवाही की मांग की है.

अखिलेश ने किया ट्वीट…

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट मे लिखा
“कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह से आई ख़बर से उप्र में आक्रोश फैल गया है. कुछ नाबालिग लड़कियों के गर्भवती होने का गंभीर खुलासा हुआ है. इनमें 57 कोरोना से व एक एड्स से भी ग्रसित पाई गयी है, इनका तत्काल इलाज हो. सरकार शारीरिक शोषण करनेवालों के ख़िलाफ़ तुरंत जाँच बैठाए.”

बढ़ रही है नाबालिग गर्भवती की संख्या….

बालिका बाल गृह मे जैसे जैसे बालिकाओं की जांच रिपोर्ट सामने आ रही है, वैसे-वैसे नाबालिगों के गर्भवती होने की भी बात खुल रही है.  कल दिन में आई रिपोर्ट में दो लड़कियों के गर्भवती होने की बात सामने आई थी, तो देर रात आई दूसरी रिपोर्ट में 5 लड़कियां और गर्भवती पाई गई. कुल 7 गर्भवती लड़कियों में 5 कोरोना संक्रमण से संक्रमित हैं.
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