Posted inक्रिकेट

40 साल बाद हुई दूसरी सबसे बड़ी मुठभेड़, पूर्व डीजीपी ने बताई 10 बड़ी चूक

40 साल बाद हुई दूसरी सबसे बड़ी मुठभेड़, पूर्व डीजीपी ने बताई 10 बड़ी चूक
उत्तर प्रदेश के कानपुर में गुरुवार देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ मे जहाँ 8 पुलिस कर्मी शहीद हुए और कई घयाल तो वहीँ इस पूरी घटना मे पुलिस की बड़ी चूक भी सामने आ रही है. इस मुठभेड़ को उत्तर प्रदेश के 40 साल के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा एनकाउंटर माना जा रहा है।
कानपुर के चौबेपुर स्थित बिकरु गांव में गुरुवार रात हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की, जिसमें एक डीएसपी, एक थाना प्रभारी, एक चौकी प्रभारी व एक सब इंस्पेक्टर समेत आठ पुलिस जवान शहीद हो गए। तो इस मामले मे यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का बयान और भी चौकाने वाला है. उन्होंने कहा है कि ये बहुत ही दुखद, अप्रत्याशित और अनहोनी घटना है। इस ऑपरेशन में बहुत बड़ी चूक हुई है।

आजीवन कारावास के बावजूद कैसे घूम रहा था विकास बाहर….

पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के मुताबिक जिस हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने पुलिस टीम गई थी, उस पर कुल 60 मुकदमे थे। इसने कानपुर देहात के थाना शिवली में वर्ष 2001 में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त संतोष शुक्ला की कार्रबाइन से फायरिंग कर हत्या की थी। इसके बाद इसे आजीवन कारावास हुआ था।
आजीवन कारावास से कैसे ये पैरोल पर या बेल पर बाहर आया, ये बहुत चिंता और जांच का विषय है। ये बेहद गंभीर विषय है। ये घटना बताती है कि हमारी निगरानी और सर्विलांस तंत्र में स्थानीय पुलिस द्वारा बहुत लापरवाही बरती गई है। इसी वजह से ये दोबारा बड़ा अपराधी बन गया।

आखिर कैसे लगी उसे एनकाउंटर की भनक

इसका बाहुबल, धनबल और राजनैतिक रसूख की मदद से इसने अपना सूचना तंत्र इतना मजबूत कर लिया था, कि इसे पहले से ही पुलिस ऑपरेशन की खबर लग गई थी। यही वजह है कि उसने पुलिस के पहुंचने से पहले ही रास्ता ब्लॉक करने के लिए जेसीबी मशीन लगा दी थी। पुलिस टीम पर हमला करने के लिए इसने हथियार और कारतूस के साथ अपने लोगों को पहले ही एकत्र कर लिया था।

याद आया 40 साल पुराना नथुआपुर कांड….

पूर्व डीजीपी के अनुसार ‘इस घटना ने 40 साल पहले हुए नथुआपुर कांड की याद ताजा हो गई। उस वक्त मैं हमीरपुर एसपी था। 21 सितंबर 1981 को जिला एटा के थाना अलीगंज अंतर्गत छबीराम गिरोह से पुलिस की मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर राजपाल सिंह समेत कुल 11 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे।
थाना अलीगंज का पूरा स्टॉफ शहीद हो गया था। वो इससे भी बड़ा कांड था। इसके बाद गुरुवार रात कानपुर की मुठभेड़ दूसरी सबसे बड़ी घटना है, जिसमें इतने ज्यादा पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं।’

अदना सा अपराधी इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे, ये आश्चर्यजनक है….

रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी विक्रम सिंह आगे बताते है कि ‘हालांकि नथुआपुर मुठभेड़ दस्यु गिरोह के साथ हुई थी। कानपुर वाली मुठभेड़ किसी दस्यु दल के साथ नहीं हुई है। ये (विकास दुबे) एक आम और छोटा  बदमाश है। छबीराम गिरोह ऑटोमैटिक हथियार लेकर चलता था। लेकिन विकास दुबे जैसा एक अदना सा अपराधी ऐसी घटना कर दे तो ये चिंता का विषय है। मैं इसे गली के गुंडे से ज्यादा नहीं मानता हूं। पुलिस को पूरी सावधानी बरतनी चाहिये थी। फील्ड क्रॉफ्ट, टैक्टिस, कंसीवमेंट, नाइट विजन, बुलेट प्रूफ, एम्बुस की ट्रेनिंग और एम्बुस से कैसे बाहर आते हैं। इस पर कार्रवाई होनी चाहिये थी।’

पुलिस की सालाना ट्रेनिंग पर भी उठे सवाल

उन्होंने कहा कि पुलिस के लिए ट्रेनिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है और इसे लेकर आमतौर पर काफी लापरवाही बरती जाती है। पुलिसकर्मियों को ऐसा प्रशिक्षण मिलना चाहिये कि उनका हथियार उनके शरीर का अंग बन जाए। सभी पुलिसकर्मियों की एक बार सालाना फायरिंग कराने का नियम है। उसमें अगर कोई पुलिसकर्मी नाइट फायरिंग (चांदमारी) में फेल हुआ तो उसके करेक्टर रोल में एंट्री करने का भी प्रावधान है। पता नहीं ये सब चीजें अब हो रही हैं या नहीं हो रही हैं।
अगर चांदमारी नहीं हो रही है तो ये भी बहुत बड़ी चिंता का विषय है। जो लोग नाइट फायरिंग या ट्रेनिंग में फेल हो रहे हैं, उनके करेक्टर रोल में एंट्री की जा रही है या नहीं की जा रही। सालाना फायरिंग की पूरी प्रक्रिया किसी एएसपी (सीओ लाइन) के नेतृत्व में होती है।

पुलिसिंग की बड़ी तीन प्रमुख कमियां….

उन्होंने कहा कि काम का दबाव इतना ज्यादा हो गया है कि पुलिसकर्मियों की नियमित ट्रेनिंग नहीं हो रही है. दूसरा बदमाशों की निगरानी (सर्विलांस) को पुख्ता करना होगा। तीसरा पुलिस लाइन और थानों के निरीक्षण में भी कमी आयी है। यही वजह है कि अधिकारियों को पता ही नहीं चलता कि विभाग में किस तरह की कमी आ रही है।
HindNow Trending : चीन से लड़ने के लिए रिटायर्ड भारतीय जवानों ने जताई इच्छा | लद्दाख में गरजे प्रधानमंत्री 
नरेंद्र मोदी | मासूम बच्चे और CRPF जवान को मारने वाले आतंकी को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मार गिराया | कर्नल 
संतोष बाबू की पत्नी ने कहा- "मोदी जी हर हाल | पाकिस्तान में हुआ दर्दनाक ट्रेन हादसा

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version