कानपुर: एनकाउंटर में विकास दुबे मारा गया है लेकिन उसके एनकाउंटर को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं लोग इसे फर्जी भी बता रहे हैं। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी उठ रहे हैं। इस दौरान अब एक बड़ी खबर सामने आई है दरअसल, वो पुलिस वाले सामने आए हैं जिन्होंने विकास पर एनकाउंटर के दौरान गोलियां चलाईं और वो खुद ग्घाल भी हुए।
भागने लगा था विकास
सभी पुलिसकर्मियों का कहना है कि विकास दुबे सड़क हादसे के बाद भागने लगा था। हमने उसे बहुत समझाया लेकिन वो फिर भी नहीं माना उसने हम पर भी गोलियां चलाईं। इसी कारण हमें उसे मारना पड़ा और फिर इसी के चलते वो एनकाउंटर में मारा गया।
नहीं बदली कोई गाड़ी
एक सवाल लगातार है कि विकास सफारी में बैठा था या टीयूवी में इस पर नवाबगंज इंस्पेक्टर रमाकांत पचौरी, एसआई पंकज सिंह, एसआई अनूप कुमार सिंह व कांस्टेबल प्रदीप कुमार ने बताया कि वे विकास दुबे के साथ ही टीयूवी में बैठकर उज्जैन से निकले थे और एसटीएफ समेत पुलिस की गाड़ियां चल रही थीं।
भागने की फिराक में था विकास
पुलिसकर्मियों ने बताया कि विकास दुबे लगातार भागने की कोशिश कर रहा था। जिसके चलते उसे बहुत सावधानी से ला रहे थे। जैसे ही बारा टोल प्लाजा क्रॉस किया कि हम उसे सही सलामत कानपुर ले आए हैं लेकिन फिर अचानक सचेंडी के पास जानवरों के एअ झुंड को बचाने में गाड़ी पलट गई।
गाड़ी पलटने का उठाया फायदा
पुलिस कर्मियों ने बताया कि गाड़ी पलटने पर कई लोग घायल हुए उनमें से एक रमाकांत पचौरी की पिस्टल छीनकर फायदा उठाते हुए भाग निकला। ये देख के पीछे वाली एसटीएफ की गाड़ी से टीम उतरी और इस दौरान सिपाही शिवेंद्र सेंगर व विमल कुमार साथियों के साथ विकास का पीछा करने लगे।
कर दी थी फायरिंग
पीछा करने के दौरान विकास से बार-बार सरेंडर करने को कहा गया लेकिन वो नहीं माना और पीछा करने वालों पर फायरिंग करने लगा और इसके चलते फिर हमें भी उस पर फायरिंग करनी पड़ी और वो उसी फायरिंग के एनकाउंटर में मारा गया। आपको बता दें कि विकास के सीने पर दो और एक गोली कमर के पास लगी थी।