नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कोरोना की वैक्सीन का इंतजार बेसब्री से हो रहा है। दुनिया में 100 से ज्यादा कोरोना की वैक्सीन के ट्रायल हो रहे हैं और भारत में कोरोना वैक्सीन को लेकर ट्रायल हो रहे हैं जिसमें अनेक डॉक्टर ओर साइंटिस्ट रिसर्च में लगे हुए हैं। ऐसे ही एक डॉक्टर कृष्णा एला है जो इस कोरोना की वैक्सीन के निर्माण में दिन रात काम कर रहे हैं।
किसान का बेटा कर रहा काम
तमिलनाडु के एक गांव के एक किसान का बेटा आज देश को कोरोनावायरस के प्रकोप से बचाने के लिए कोरोना की वैक्सीन के निर्माण में लगा हुआ है। डॉ कृष्णा एला की पहले एक छोटी सी लैब थी और अब वो इतनी बड़ी हो गई है की दुनिया की सबसे ख़तरनाक बीमारी कोरोना की वैक्सीन के ट्रायल का गढ़ बन गई है।
जल्द लॉन्च होनी है वैक्सीन
कोरोनावायरस के प्रसार को देखते हुए आईसीएमआर ने कहा था कि जल्द यानी 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन को लॉन्च करने की तैयारी करनी चाहिए। हालांकि कि बाद में ये बयान सख्ती के लिए दिया गया था। आपको बता दें कि हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बायोटेक द्वारा कोरोना की वैक्सीन बनाई जा रही है जिसमें आईसीएमआर भी सहयोग कर रहा है।
पढ़ाई के लिए गए अमेरिका
कोरोना की वैक्सीन बनाने वाले बकौल डॉ. कृष्णा एला का जन्म तमिलनाडु के थिरुथानी में हुआ। वो एक किसान परिवार में जन्मे थे। उन्होंने कृषि की पढ़ाई करने के साथ फार्मास्युटिकल की शिक्षा हासिल की। इसके बाद उन्हें हंगर फेलोशिप के लिए स्कॉलरशिप मिली और वह पढ़ने के लिए अमेरिका चले गए थे।
भारत में खोली लैब
अमेरिका में हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पढ़ाई ओर विस्कॉन्सिन मेडिसन यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद वो वही सेटल हुए लेकिन मां के बुलावे पर वापस अपने देश वापस आ गए और भारत बायोटेक लैब बनाई उनके मुताबिक उन्हें 100 से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका हैं मुकाम इतना बड़ा हो गया कि आज वो कोरोना की वैक्सीन बना रहे हैं आपको बता दें कि हैपेटाइटिस का टीका बनाने वाली भारत बायोटेक पहली कंपनी थु इस कंपनी का इतिहास काफी पुराना है।