इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का आगाज 26 मार्च से सीएसके और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच खेले गए पहले मुकाबले से शुरू हुआ है। जहां कोलकता टीम ने सीएसके को 6 विकेट से मात दी है। तो वहीं सीएसके टीम को पहले ही मैच में हार का सामना पड़ा। वहीं फैंस इस लीग को देखने के लिए काफी उत्साह और जोश में नजर आए। आपको बता दें इस लीग को वैसे तो पूरी दुनिया में सबसे चर्चित माना जाता है, लेकिन यहां खेलने पर प्लेयर्स को पैसा और शोहरत दोनों ही मिलता है। वहीं ये सोचने वाली बात है कि IPL में इन टीम के खिलाड़ियों पर कैसे पैसे खर्च किए जाते हैं।
ऐसे कमाई करती है IPL टीमें
दरअसल सभी IPL टीमें और बीसीसीआई सेंट्रल रेवेन्यू से IPL में करते हैं। बता दें सेंट्रल रेवेन्यू से कमाई के दो अहम जरिए हैं। इसमें मीडिया ब्रॉडकास्टिंग और टाइटल स्पॉनरशिप से होती है। वहीं, आईपीएल के कमाई का दूसरा जरिया है विज्ञापन, सभी विज्ञापन कंपनियां की जरिए बीसीसीआई आईपीएल में पैसा कमाती है।
इस बार IPL की स्पॉन्सर है टाटा
इस IPL से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई टीमों की सबसे बड़ी कमाई मीडिया और ब्रॉडकास्टिंग राइट्स को बेचकर होती है। बता दें ब्रॉडकास्टिंग राइट्स का मतलब होता है कि IPL के मैच केवल वही चैनल दिखा पाएगा, जिसके पास इसके राइट्स होंगे। टाटा को टाइटल स्पॉन्सर बनाने के बाद इस बार बीसीसीआई को काफी फायदा होने वाला है। वैसे तो टाटा 335 करोड़ रूपये का भुगतान कर रहा है जोकि वीवो से कम है।
हर साल होता है इतना फायदा
IPL टीमों को हर साल की करीब 300 करोड़ रुपये की कमाई होती है। अगर उसमें से 160-165 करोड़ खर्च के निकाल दें, तो सालाना करीब 130-140 करोड़ रुपये का फायदा कमाती हैं। आईपीएल टीमें के पास प्लेयर्स खरीदने के लिए 90 करोड़ रुपये का पर्स होता है. 35-50 करोड़ रुपए ऑपरेशन कास्ट, जिनमें-खिलाड़ियों के फ्लाइट और होटल में रुकने का खर्च होता है।
इस बार RuPay और Swiggy Instamart है स्पॉन्सर
IPL की गवर्निंग काउंसिल ने इस बार आईपीएल में RuPay और Swiggy Instamart को आईपीएल का सेंट्रल स्पॉन्सर यानी केंद्रीय प्रायोजक बनाया है। रिपोर्ट के मुताबिक बीसीसीआई ने पहली बार किसी आईपीएल सीज़न (IPL 2022) के लिए सभी स्पॉन्सरशिप के 9 स्लॉट पूरे किए हैं। बता दें RuPay और Swiggy Instamart से बीसीसीआई ने सालाना यानी वन ईयर डील 48 से 50 करोड़ रूपये तक की, की है।