अक्सर हम भारतीय कानून की सही जानकारी ना हो पाने के कारण चुपचाप अपने अधिकारों का हनन होते देखते रहते हैं. लेकिन यदि आपके पास अपने कानूनी अधिकार और सही कानून की जानकारी होगी तो आप अपने साथ हो रही गैरकानूनी गतिविधियों को होने से रोक सकते है.
आइये जानते हैं ऐसे कानून और अधिकार के बारे में जिसके बारे में हम सबको पता हो तो ना तो हमारे अधिकरो का हनन हो सकता है ना ही गैरक़ानूनी ढंग से हम पर कार्यवाही.
ड्राइविंग कानून
यदि ड्राइविंग करते समय आपके 100ml ब्लड में अल्कोहल की मात्रा 30 एमजी से ज्यादा पाई जाती है तो पुलिस आपको बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है. मोटर वाहन एक्ट 1988 sec 185,202.
व्यभिचार कानून
कोई भी शादीशुदा व्यक्ति किसी अविवाहित लड़की या विधवा महिला से उसकी सहमति से शारीरिक संबंध बनाता है तो यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता. भारतीय दंड संहिता व्यभिचार धारा 498.
लिव-इन रिलेशनशिप कानून
यदि दो व्यस्क लड़का या लड़की अपनी मर्जी से लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहते हैं तो यह गैरकानूनी नहीं है और तो और इन दोनों से पैदा होने वाली संतान भी अवैध नहीं है और संतान को अपने पिता की संपत्ति में हिस्सा भी मिलेगा. घरेलू हिंसा अधिनियम 2005.
पुलिस एक्ट
कोई भी पुलिस अधिकारी हमेशा ही ड्यूटी पर होता है चाहे उसने यूनिफॉर्म पहनी हो या नहीं यदि कोई व्यक्ति इस अधिकारी से कोई शिकायत करता है तो वह यह नहीं कह सकता कि वह पीड़ित की मदद नहीं कर सकता क्योंकि वह ड्यूटी पर नहीं है पुलिस एक्ट 1861.
तलाक
तलाक निम्न आधारों पर लिया जा सकता है. हिंदू मैरिज एक्ट के तहत कोई भी पत्नी या पति कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दे सकता है. व्यभिचार, शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना, नपुंसकता, बिना बताए छोड़ कर जाना, हिंदू धर्म छोड़कर कोई भी और धर्म अपनाना, पागलपन, लाइलाज बीमारी, वैराग्य लेने और 7 साल तक कोई अता-पता ना होने के आधार पर तलाक की अर्जी दाखिल की जा सकती है. हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 13.
अश्लीलता
यदि आप सार्वजनिक जगहों पर ”अश्लील गतिविधि” में संलिप्त पाए जाते हैं तो आपको 3 महीने तक की कैद हो सकती है. परंतु अश्लील गतिविधि की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं होने के कारण पुलिस अपने अधिकारों का दुरुपयोग करती रहती है. भारतीय दंड संहिता की धारा 294.