21-22 साल की उम्र में न जाने कितने युवा ऐसे होते हैं जिन्हें ये नहीं पता होता कि उन्हें अपनी जिंदगीं में आगे करना क्या है किस सेक्टर में अपना करियर बनानां है और किस सेक्टर में जाना है. वहीं कुछ युवक इस उम्र में अपने सपनो को पूरा करके इतिहास में नाम दर्ज करा लेते हैं. इसी इतिहास रचने वालो में ऐसे ही 3 युवाओं के नाम है जो आज न केवल अपनी मंजिल हासिल कर चुके हैं बल्कि इतिहास में अपना नाम भी शामिल कर चुके हैं.
आज हम आपको ऐसे हीं तीन युवाओं के बारें में बताने वाले हैं. इसमें से एक IAS (Indian Administrative Service) और दूसरा IPS (Indian Police Service) वहीं तीसरा JUDGE(जज) है और तीनों हीं एक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर चुके हैं. जिसके बारे में आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं, तो आईए इन तीनों के कामयाब करियर पर एक बार नज़र डालते हैं..
IAS अंसार शेख का करियर
सबसे पहले बात करते हैं IAS अहमद शेख-अंसार की जो महाराष्ट्र के जालना जिले के शेलगांव में रहते हैं. अंसार जब चौथी क्लास में पढ़ाई करते थे तब उनके पिता ऑटो चालक थे. वह मुफलिसी का हवाला देते हुए उनका नाम स्कूल से कटवाने के लिए पहुंच गए थे, उनके पिता को अध्यापक ने समझाया इसके बाद अंसार ने 12 में 91% अंक लाकर सबको हैरान कर दिया था. इसके बाद अंसार शेख ने साल 2015 में की UPSC (Union Public Service Commission) परीक्षा में 361वीं रैंक को हासिल किया और IAS बनकर सबका नाम रौशन किया था.
IPS हसन सफीन का करियर
इसके बाद दूसरे नंबर पर हैं IPS हसन सफीन जो गुजरात के बनासकांठा जिले के रहने वाले हैं. सफीन ने अपने गांव के सरकारी स्कूल से 10वीं क्लास तक कि पढ़ाई को पूरा किया इस दौरान उन्होनें 10 वी 92% हासिल किए और 12वीं के बाद उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग की डिग्री को हासिल की थी.
इनके पिता ने एक इलेक्ट्रिशियन के काम से लेकर अंडे तक के ठेले भी लगाए है. इतना ही नही हसन भी अपने पिता के साथ ठेले पर काम किया करते थे. हसन ने साल 2017 में UPSC (Union Public Service Commission) परीक्षा को पास करते हुए 570वीं रैंक हासिल की और महज 22 साल की उम्र में IPS बनकर इतिहास रच दिया.
JUDGE मंयक प्रताप सिंह का करियर
इसमें तीसरा और अंतिम नाम है मयंक प्रताप सिंह का जो कि राजस्थान के रहने वाले हैं. मयंक ने राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा को साल 2018 में पास किया था और इसके अलावा मयंक ने महज़ 21 साल की उम्र में जज बनकर एक मिसाल को कायम किया है. गौरतलब है कि मयंक ने बिना कोचिंग के यह सब हासिल किया है, क्योंकि उन्हें सेल्फ स्टडी(Self Study) में ज्यादा भरोसा था.