देश में बेसब्री से कोरोना वैक्सीन का इंतजार हो रहा है। लोगों तक सुविधाजनक तरीके से इसे पहुंचाने के लिए सरकार ने भी कमर कस ली है। नक्सल प्रभावित इलाकों में कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता से लेकर टीकाकरण केंद्रों पर भीड़ को संभालने तक और निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है। देशभर में कोरोना वैक्सीन के रोल-आउट में स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा करीब 20 मंत्रालय और 23 विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
कई मंत्रालय और विभाग टीकाकरण अभियान में जुटे
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोविड- 19 के लिए नैशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन ऐडमिनिस्ट्रेशन (एनईजीवीए) के मार्गदर्शन में कई मंत्रालय और विभाग टीकाकरण अभियान में मदद के लिए जुटे हुए हैं। टीकाकरण को लेकर जारी एसओपी में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोऑर्डिनेशन मैकेनिज्म को राष्ट्रीय, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर तय कर लिया गया है।
देश में हैं इतने कोल्ड चेन पॉइंट्स
जानकारी के मुताबिक, देश में करीब 82 लाख साइट्स हैं, लेकिन सभी कोविड टीकाकरण के लिए उपयुक्त नहीं हैं। इसकी वजह सोशल डिस्टेंसिंग की अनिवार्यता है। यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम (यूआईपी) के तहत जिन भी साइट्स का इस्तेमाल किया जा सकता है, यूआईपी के तहत भारत के पास 28,900 से ज्यादा कोल्ड चेन पॉइंट्स हैं और 85,000 से ज्यादा उपकरण हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय इस नेटवर्क को बढ़ाने की आवश्यकता को लगातार दोहरा रहा है, जिसके लिए अब पशुपालन और खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग को भी इसमें शामिल कर लिया गया है।
टीकाकरण के लिए चुनाव प्रकिया की तरह तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमें वैक्सीनेशन के लिए चुनाव प्रक्रिया के आधार पर बूथ स्तर तक के लिए तैयारी की है। 719 जिलों के करीब 57,000 प्रतिभागियों ने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। अब तक कुल 96,000 वैक्सिनेटर्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
बता दें कि भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने स्वदेशी कोरोना टीका ‘कोवैक्सीन’ के कुछ शर्तों के साथ आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की शनिवार को सिफारिश की है।
इससे पहले शुक्रवार को ऑक्सफर्ड की कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश की गई थी। ऐसे में यह माना जा रहा है कि शायद आज इन दोनों वैक्सीन को डीसीजीआई की तरफ से भी अनुमति मिल जाएगी।