आइडिया ऐसा था जिसने रतन टाटा को इतना प्रभावित किया की उन्होंने आइडिया देने वाले पति-पत्नी को अपने साथ काम करने मौका दे दिया. जी हाँ आपने बिल्कुल सही सुना रतन टाटा को एक पति-पत्नी के बिजनेस आइडिया इतना पसंद आया की उन्होंने उनको अपनी कंपनी के साथ काम करने का मौका तक दे डाला. कहते है अगर आपके दिल में सच में कुछ कर गुजरने की क्षमता होती तो ऊपर वाला आपकों सही इंसान से मिलवा ही देता है.
आज हम बात करने वाले ऑनलाइन फ्यूल डिलीवरी करने वाली कंपनी रिपोज के निर्माता दंपत्ति के बारे में जिसने अपने शानदार बिजनेस प्लान के चलते रतन टाटा को इनता प्रभावित किया की उन्होंने उन दोनों को अपने यहां मीटिंग के लिए बुला लिया.
आइडिया था कुछ बड़ा करने का
आज हम बात करने वाले है व्यापारिक क्षेत्र में रूचि रखने वाले दंपति के बारे में जिसने अपने आइडिया के दम पर रतन टाटा जैसे दिग्गज व्यापारी को अपने साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित कर लिया. हम बात कर रहे है चेतन वालुंज और अदिति भोसले की जिन्होंने साल 2015 में शादी कर ली थी. बात करे इन दोनों के करियर की तो अदिति भोसले ने फोरेंसिक और अन्तर्राष्ट्रीय संबंधो में मास्टर्स की डिग्री की हुयी है, चेतन ने अपने पारिवारिक पट्रोल पम्प के व्यवसाय को प्रबंधित किया है.
देखा जाय तो इन दोनों को किसी भी चीज़ की कमी नहीं थी अगर ये चाहते तो वो कर सकते थे जो ज्यादातर जोड़े करते है घूमना फिरना और अपने परिवार को आगे बढ़ाना बस, लेकिन इन दोनों ने ऐसा नहीं किया इन दोनों की सोच व्यापारिक मामले में एक जैसी होने की वजह से इन दोनों ने अपने कुछ बड़ा करने का सोचा इसलिए नये- नये आइडियाज के बारे में रिसर्च करने लगे.
रतन टाटा हुए इनके आइडिया से प्रभावित
इन्हें अपने पारिवारिक व्यवसाय को अलग ढंग से करने के विचार आया, इन्होने सोचा की क्यों ना एक ऐसा प्रबंधन बनाया जाय की जिससे जो बड़े-बड़े हैवी व्हीकल जिन्हें ईधन भरवाने के लिए पम्प पर जाना पड़ता है और ऐसा करने से 2 नुकसान होते है पहला तो उन्हें पम्प पर जाकर ईधन लाने में दोगुना ईधन खर्च करना पड़ता है दूसरा इससे उत्पन्न होने वाले प्रदुषण से वातवरण को हानिकारक प्रभाव पहुंचता है. इन दोनों नुकसान को ही ख़त्म कर दिया जाय. इसके के लिए दोनों ने योजना बनायी की वो हैवी व्हीकल यूजर्स को फ्यूल की डिलीवरी उनके डोर पर देंगे.
इसके बाद इन्होने अपनी सोच को रिपोज स्टार्टअप का नाम दिया. अब इस आइडिया को सफल बनाने के लिए इन्होने इस लाइन की बड़ी बड़ी कम्पनियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया. इसी बीच इनके आइडिया के बारे में रतन टाटा को मालूम हुआ तो उनको इस दंपत्ति का आइडिया पसंद आ गया, और उन्होंने दोनों को अपने ऑफिस में इस उनके बिजनेस प्लान पर चर्चा करने के लिए बुला लिया. रतन टाटा ने उनको अपनी कंपनी के साथ काम करने की बात कह दी.
आज वे ‘डेड माइलेज’ की समस्या को ख़त्म करने के उद्देश्य से रिपोज को सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है. आज के समय में रिपोज टाटा मोटर्स के साथ अन्य बड़ी ऑटोमोबाइल कम्पनियों के साथ लगातार काम कर रहा है.
ये थी हमारी आज की कहानी जहाँ एक आइडिया और मेहनत ने एक दंपत्ति के सपनो को साकार कर दिया.