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माइक्रोसोफ्ट कंपनी में किया साधारण सी नौकरी करने वाले शख्स ने आज अपनी मेहनत के दम पर 44 हजार करोड़ का साम्राज्य खड़ा कर लिया है. जी हाँ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है, हम बात करे रहे है ओलाकैब्स के फाउंडर भविष अग्रवाल की जिन्होंने अपने शानदार आईडिया और मेहनत के दम पर 44 हजार करोड़ की कंपनी का निर्माण कर डाला.

कहते है अगर आईडिया दमदार हो और उस पर काम करने वाला शख्स मेहनती हो तो कुछ भी  संभव है. जरुरत दिमाग में आये आईडिया पर सही से मेहनत की जाय. आज हम बात करने वाले है भारत की सबसे सफल कैब कंपनी के निर्माता के बारे में

भविष अग्रवाल का शुरूआती जीवन

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भविष अग्रवाल का जन्म पंजाब के लुधियाना ने हुआ था. उनका परिवार मध्यमवर्गी था तो शुरू से ही उनको अपने परिवार से कुछ बड़ा करने की प्रेरणा  मिलती रही थी. भविष पढाई में शुरू से ही एक होनहार छात्र रहे थे. अपनियो स्कूली पढाई ख़त्म होने के बाद उन्होंने भारत की सबसे प्रचलित ‘संयुक्त प्रवेश परीक्षा’ को क्रेक करने के साथ भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान, मुंबई से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग कर ली .

माइक्रोसॉफ्ट में छोड़ी नौकरी

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पढाई पूरी होने के बाद भविष को दुनिया के सर्वश्रेठ कम्पनियों में शुमार माइक्रोसोफ्ट में रिसर्च एसोसिएट की नौकरी मिल गयी. वहां उनका शानदार प्रदर्शन रहा. इस कंपनी में नौकरी करने के बाद भविष ने 2 पेटेंट फाइल किये, और 3 पेपर इंटरनेशनल जनरल में पब्लिश करवा लिए.

कंपनी में इतनी सफलता हासिल करने के बावजूद उन्होंने नौकरी छोड़ दी. क्योकि भविष के  मन में कुछ बड़ा करने की थी तो नौकरी छोड़ वो व्यवसाय के विकल्पों को ढूढने में लग गए. इसी बीच एक बार वो कैब में सफर कर रहे थे, तो इस ट्रिप में उनकी कैब ड्राईवर से कहासुनी हो गयी तो वही से उनके मन में कैब सर्विस के व्यवसाय के बारे में विचार आया. वही से शुरुआत हुई ओला कैब्स की.

2010 में रखी गयी ओला कैब्स की आधारशिला

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भविष अग्रवाल ने अपने दोस्त अकिंत भाटी के साथ 2010 में ओला कैब्स की आधारशिला रखी थी. उनका विचार था की क्यों ना कैब सर्विस को  टेक्नोलॉजी से जोड़ कर डिजिटल बनाया जाय. इस विचार के साथ उन्होंने योजना बनायीं की वो मोबाईल एप्प के जरिये लोगों को उनके मन पसंद की कार में ट्रिप करने का अनुभव कराएँगे. उनका ये कमाल का आईडिया चल गया और आज ओला कैब्स के रूप में हम सब के सामने है. इतना ही नहीं नवंबर 2015 में  ओला ने जियोटैग कंपनी का अधिग्रहण करके  बस-शटल सेवा भी आरंभ कर दी है.

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Devendra Fadnavis Chief Minister Of Maharashtra And Nitin Gadkari Minister Of Road Transport Highway And Shipping Inaugurated India’S First Multi Modal Electric Vehicle Project In Nagpur On Friday May 26Th, 2017 Mahendra And Ola Officials Were Also Present On The Occassion

आपको बार दें ओला कैब्स के बाद भविष अग्रवाल इलेक्ट्रिक कार के छेत्र में अपना कदम रख चुके है. 2021 तक उनका ई स्कूटर मार्केट में आ सकता है ऐसा उनकी कंपनी का दावा है.

ये थी इनकी सक्सेस की कहानी. इंसान अपनी मेहनत के बल पर  बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है जरूरत है तो एक कदम बढ़ाने के बाकि का रास्ता तो अपने आप दिखाई देने लगता है.