नई दिल्ली: दुनिया भर में जारी कोरोना वायरस महामारी के कहर के बीच अब तक इसका कोई भी इलाज नहीं ढूंढा जा सका है। इस बीच दुनियाभर के कई सारे देश इस महामारी का इलाज खोजने और वैक्सीन के निर्माण में जुटे हुए है। ऐसे में भारत में कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान को लेकर तैयारी भी शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अगर आज भारत कोरोना वैक्सीन विकसित करता है, तो सरकार ने कम से कम ऐसे तीन करोड़ लोगों की पहचान की है, जिन्हें ये वैक्सीन फौरान लगाया जा सकता है।
इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि हमने पहली बार में ऐसे 3 करोड़ ऐसे लोगों की पहचान की है, जिनको वैक्सीन लगाने की आवश्यकता है। वहीं एक बार जब कोरोना वायरस की वैक्सीन अप्रूव हो जाएगी, उसके बाद टीकाकरण अभियान भी शुरू कर दिया जाएगा। जिन लोगों को कोरोना वायरस का टीका लगाया जाएगा उसके लिए एक प्रायोरिटी लिस्ट का निर्माण किया जा रहा है। सरकार ने जिन 2 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर की पहचान की है, जिनमें केंद्रीय और राज्य पुलिस बल, होम गार्ड्स, आर्म्स फोर्सेज, निगम कर्मचारी, आशा वर्कर व सफाईकर्मी, शिक्षक, ड्राइवर शामिल हैं।
जाने कौन होंगे वो लोग जिन्हें सबसे पहले लगाया जाएगा टीका
वैक्सीन को लेकर बनाए गए एक्सपर्ट ग्रुप में इस प्लान का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया गया है। वहीं इसमें केंद्रीय एजेंसी और राज्यों से भी इनपुट्स लिए गए हैं। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल की अगुवाई वाले इस ग्रुप ने जो प्लान तैयार किया है, उसके अनुसार इस टीकाकरण अभियान के पहले चरण में देश की 23% आबादी को वैक्सीन दी जाएगी।
वहीं एक्सपर्ट कमेटी ने इस बात का अनुमान लगाया है कि देश में सरकारी और निजी क्षेत्र को मिलाकर करीब 7 लाख हेल्थ वर्कर्स हैं। इनमें से 11 लाख एमबीबीएस डॉक्टर्स, 8 लाख आयुष प्रैक्टिशनर्स, 15 लाख नर्स, 7 लाख एएनएम और 10 लाख आशा वर्कर शामिल है। ड्राफ्ट प्लान के अनुसार 45 लाख पुलिसकर्मियों और अन्य फोर्सेज के जवानों को भी टीका लगाया जाएगा। इसके अलावा देश की सेवा में जुड़े 15 लाख सेना के जवानों को भी इसमें शामिल किया जायेगा।
अगले साल उपलब्ध हो सकती है वैक्सीन
स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अगले साल 2021 जनवरी से जून के बीच वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि अगर वैक्सीन का ट्रायल सफल रहता है, तो सरकार अपनी प्राथमिकता सूची को आगे बढ़ाएगी। बता दें कि वैक्सीन पर बनी नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप केंद्रीय और राज्य एजेंसियों से मिले इनपुट पर काम कर रही है।