Team India : हर खिलाड़ी के करियर में एक दौर ऐसा आता है जब वह टीम में वापसी की उम्मीद तो करता है, लेकिन मैदान से दूरी और सिलेक्टर्स की बेरुखी धीरे-धीरे उस उम्मीद को खत्म कर देती है। टीम इंडिया (Team India) के चार ऐसे दिग्गज खिलाड़ी हैं जिन्होंने लंबे वक्त तक वापसी का सपना जिया, मेहनत भी की, लेकिन अब उनका नाम टीम इंडिया की योजनाओं में नजर नहीं आता। न शोर, न घोषणा-बस अब सब कुछ खामोशी से खत्म होता दिख रहा है।
Team India में लगातार अनदेखी, अब चुप्पी भारी पड़ रही है
हम टीम इंडिया (Team India) के जिन चार खिलाड़ियों की बात कर रहे हैं, उनमें अजिक्या रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, युजवेंद्र चहल और भुवनेश्वर कुमार शामिल हैं। साल 2023 में आखिरी बार भारत के लिए खेल चुके युजवेंद्र चहल अब तक टीम इंडिया में वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
चहल 72 वनडे में 121 विकेट और 80 टी20 में 96 विकेट लेने के बावजूद चयनकर्ताओं ने उन पर भरोसा नहीं जताया। टेस्ट डेब्यू का सपना भी अब अधूरा ही लगता है, और उनकी गतिविधियों से भी ऐसा प्रतीत होता है कि वह धीरे-धीरे दूरी बना रहे हैं।
अजिंक्य रहाणे का सफर अब खत्म ?
अजिंक्य रहाणे ने टीम इंडिया (Team India) के लिए 85 टेस्ट, 90 वनडे और 20 टी20 खेले हैं और टेस्ट में 5000 से ज्यादा रन बनाकर खुद को साबित किया। वेस्टइंडीज के खिलाफ जुलाई 2023 में खेला गया टेस्ट उनके करियर का आखिरी इंटरनेशनल मैच साबित हुआ।
घरेलू क्रिकेट में सक्रिय रहने के बावजूद अब वह राष्ट्रीय टीम की योजनाओं से बाहर लगते हैं और संन्यास का संकेत दे रहे हैं। जब चयनकर्ता लगातार नजरअंदाज करते हैं, तो धीरे-धीरे जज़्बा भी टूटने लगता है।
चेतेश्वर पुजारा और भुवनेश्वर कुमार की वापसी के दरवाजे बंद?
103 टेस्ट मैचों में 7195 रन और 19 शतक – ये आंकड़े पुजारा की क्लास को बयां करते हैं। हालांकि, जून 2023 में WTC फाइनल के बाद से वह भी टीम से बाहर हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा नहीं की है, लेकिन लगता है अब उनका संन्यास बस एक औपचारिकता भर रह गया है।
स्विंग के उस्ताद भुवनेश्वर कुमार ने भारत को कई बार जीत दिलाई। 21 टेस्ट, 121 वनडे और 87 टी20 खेलने के बाद अब वह लगभग एक साल से टीम से बाहर हैं। चोटें और युवा गेंदबाज़ों की एंट्री ने उनके मौके सीमित कर दिए हैं।
उन्होंने भले संन्यास की घोषणा न की हो, लेकिन अब वह इंटरनेशनल रडार से लगभग गायब हो चुके हैं। लंबे समय से चयनकर्ताओं की नजर उन पर नहीं पड़ी है, और बीसीसीआई की योजनाओं में भी उनका नाम नहीं दिखता।
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