5 Former Indian Players Banned For Match Fixing

Match Fixing : खेल जगत में मैच फिक्सिंग (Match Fixing) एक ऐसी बीमारी है जो खेल को खा जाती है। ऐसे में पहले के समय में कईं ऐसे खिलाड़ी रहे थे जो इसके शिकार हुए थे। लेकिन अब क्रिकेट बोर्ड ने इस मैच फिक्सिंग (Match Fixing) को खत्म के लिए कई हथियार उठा लिए हैं। खेल जगत में मैच फिक्सिंग एक ऐसा कीड़ा है जो खेल की जड़ों को खोखला कर देता है।

पहले यह कीड़ा क्रिकेट में बहुत फैला हुआ था। कई खिलाड़ी पैसों के लालच में खेलते थे। भ्रष्टाचार निरोधक इकाईयां दिन-रात काम कर रही हैं और दोषी खिलाड़ियों को सजा दी जा रही है। इन सख्त कदमों की वजह से अब मैच फिक्सिंग (Match Fixing) पहले जैसी आम बात नहीं रही। आज हम आपको भारत के उन खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जो मैच फिक्सिंग के आरोपों में फंसे और इसके बाद उनका करियर बर्बाद हो गया।

1. मोहम्मद अजहरुद्दीन

Match Fixing

मोहम्मद अजहरुद्दीन भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महान कप्तानों और दिग्गज बल्लेबाजों में से एक हुआ करते थे। साल 1999-2000 में हुए फिक्सिंग (Match Fixing) कांड ने उनका करियर बर्बाद कर दिया। साल 2000 में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीकी टीम की मेजबानी कर रही थी। इस दौरान दक्षिण अफ्रीकी कप्तान हैंसी क्रोनिए ने भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की बात बुकियों से कराने की बात कबूल की थी। इसके बाद मामले की जांच सीबीआई ने की और बोर्ड ने अजहरुद्दीन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया। बाद में अजहर को कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई, लेकिन तब तक उनका करियर खत्म हो चुका था।

2. एस श्रीसंत

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16 मई 2013 को दिल्ली पुलिस ने श्रीसंत को आईपीएल 6 के दौरान स्पॉट फिक्सिंग (Match Fixing) के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किया था। हालांकि, श्रीसंत ने हमेशा कहा कि वह निर्दोष हैं और उनसे जबरन बयान पर हस्ताक्षर करवाए गए थे। जुलाई 2015 में उन्हें स्पॉट फिक्सिंग मामले में बरी कर दिया गया। मार्च 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बीसीसीआई ने उनके प्रतिबंध को घटाकर 7 साल कर दिया। श्रीसंत को 2021 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी के लिए केरल टीम में चुना गया था। 9 मार्च 2022 को श्रीसंत ने घरेलू क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की।

3. मनोज प्रभाकर

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पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज प्रभाकर ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कई दिग्गज खिलाड़ियों पर मैच फिक्सिंग (Match Fixing) का आरोप लगाया। प्रभाकर के मुताबिक, मैचों के नतीजे भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में तय होते थे। उन्होंने कपिल देव, रवि शास्त्री समेत कई खिलाड़ियों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन किए थे। हालांकि, मामले ने तब चौंकाने वाला मोड़ ले लिया जब प्रभाकर खुद वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच फिक्सिंग (Match Fixing) में शामिल पाए गए थे। इसके बाद बीसीसीआई ने प्रभाकर पर प्रतिबंध लगा दिया।

4. नयन मोंगिया

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भारत के बेहतरीन विकेटकीपर-बल्लेबाजों में से एक नयन मोंगिया को शायद उनके ऑफ-फील्ड विवादों के लिए ज़्यादा याद किया जाएगा। मैच जीतने कि कोशिश ना करने के चलते उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था।अम्पायर के फैसले से असहमति जताने पर मोंगिया को निलम्बित कर दिया गया था। और 1990 के दशक के अंत में मैच फिक्सिंग (Match Fixing) में शामिल होने के संदेह के बाद उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

5. अजय जडेजा

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ऑलराउंडर अजय जडेजा मैच फिक्सिंग (Match Fixing) के लिए 5 साल के प्रतिबंध कि सजा भुगत चुके हैं। बाद में 27 जनवरी 2003 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रतिबंध हटा दिया, जिससे जडेजा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के योग्य हो गए। जडेजा ने 2 फरवरी 2001 को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया। जिसमें के. माधवन समिति की सिफारिशों के आधार पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने वाले बीसीसीआई के आदेश को चुनौती दी गई थी। हालाँकि उन्होंने 2003 में रणजी खेलने के लिए वापसी की थी।

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