After The Ind-Pak Match, Ms Dhoni'S Fellow Cricketer Was Murdered In Bihar

MS Dhoni: महेन्द्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के लिए रविवार रात एक बुरी खबर आई।  रविवार को जब दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का रोमांच अपने चरम पर था, उसी दौरान बिहार के भागलपुर में एक सनसनीखेज वारदात ने खेल प्रेमियों को झकझोर कर रख दिया। दरअसल पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के साथ खेल चुके एक पूर्व क्रिकेटर की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

MS Dhoni के साथ क्रिकेट खेल चुके थे प्रभु नारायण

Mahendra Singh Dhoni

टीएनबी कॉलेज के हेड क्लर्क और पूर्व जिला स्तरीय क्रिकेटर प्रभु नारायण मंडल की गोली मारकर हत्या की गई। 31 वर्षीय प्रभु नारायण मंडल सिर्फ एक प्रशासनिक अधिकारी नहीं थे, बल्कि क्रिकेट की दुनिया में भी उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई थी।

वह भारत के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के साथ सद्भावना कप जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में क्रिकेट खेल चुके थे। युवा प्रतिभा के रूप में चमकने के बावजूद उन्होंने बाद में कॉलेज प्रशासन से जुड़ने का फैसला किया और टीएनबी कॉलेज में हेड क्लर्क के रूप में अपनी सेवाएं देने लगे।

चैंपियंस ट्रॉफी के बीच हत्या से स्तब्ध क्रिकेट जगत

जब भारत और पाकिस्तान के बीच हाई-वोल्टेज मुकाबला चल रहा था, उसी समय रात करीब 10 बजे यह दिल दहला देने वाली वारदात घटी। महेन्द्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के साथ खेलने वाले प्रभु नारायण की इस तरह हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्रिकेट की दुनिया में एक और धक्का

जहां चैंपियंस ट्रॉफी के मैदान पर भारतीय टीम के शानदार प्रदर्शन की चर्चा हो रही थी, वहीं महेन्द्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के पुराने साथी की हत्या की खबर से खेल जगत में गहरा शोक पसर गया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और अपराधियों की तलाश की जा रही है।

प्रभु नारायण मंडल की हत्या से भागलपुर और क्रिकेट जगत में गम का माहौल है। वह युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा थे और अपने क्षेत्र में क्रिकेट को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे। महेंद्र सिंह धोनी के साथ क्रिकेट खेलने के अनुभव ने उन्हें हमेशा गौरवान्वित किया था।

कॉलेज छात्र संजीव झा ने घटना को दिया अंजाम

हत्या का आरोप टीएनबी लॉ कॉलेज के छात्र संजीव झा पर लगा है, जिसे पुलिस ने देर रात हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि 2017 में संजीव ने अरुण मंडल पर फायरिंग की थी, जिसके चलते वह जेल जा चुका था।

उसी साल प्रभु नारायण मंडल ने भी संजीव की पिटाई की थी, जिससे दोनों के बीच रंजिश थी। इसके अलावा, कॉलेज परिसर के बगीचे से जुड़े 12 लाख रुपये के बकाया विवाद को भी हत्या की मुख्य वजह माना जा रहा है।