Asia Cup: यूएई में चल रहे एशिया कप (Asia Cup) के दौरान, एक घटना ने क्रिकेट जगत और फैंस को गहरा झटका दिया दिया है, दरअसल एक क्रिकेट नशीली दवाओं के सहारे क्रिकेट खेलता पकड़ा गया। इस चौंकाने वाली घटना से जहां फैंस स्तब्ध हैं, वही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने इस मामले में दोषी क्रिकेटर को कड़ी सजा सुनाई है, चल रहे एशिया कप (Asia Cup) के दौरान इस तरह की घटना ने एक बार फिर क्रिकेट को शर्मसार किया है।
Asia Cup के बीच इस क्रिकेटर ने ली नशीली दवा
एशिया कप (Asia Cup) के दौरान यह क्रिकेटर नशीली दवाओं के सहारे मैदान पर उतरता था, लेकिन इस बार आईसीसी ने उसे पकड़ लिया, हम जिस क्रिकेटर की बात कर रहे हैं वो नीदरलैंड का तेज़ गेंदबाज़ विवियन किंग्मा है।
किंग्मा को मैच के दौरान नशीली दवा के सेवन का दोषी पाते हुए तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है। ICC ने कहा कि इस गेंदबाज़ ने 12 मई, 2025 को यूट्रेक्ट में यूएई के खिलाफ ICC क्रिकेट विश्व कप लीग 2 वनडे मैच के दौरान ICC एंटी-डोपिंग कोड का उल्लंघन किया था।
किंग्मा ने मानी अपनी गलती, आईसीसी ने दी कठोर सजा
किंग्मा के नमूने में कोकीन के एक मेटाबोलाइट, बेंज़ॉयलेगोनिन का अंश पाया गया, जिसे आईसीसी डोपिंग रोधी संहिता के तहत प्रतिबंधित किया गया है। परीक्षण के परिणामों के बाद, डच तेज गेंदबाज ने अपना अपराध मान लिया है।
आईसीसी ने सजा देते समय किंग्मा के द्वारा अपना अपराध मानने और जाँच के दौरान सहयोग को ध्यान में रखा। आईसीसी के फैसले के अनुसार, किंग्मा को 15 अगस्त, 2025 से तीन महीने के लिए क्रिकेट से बैन कर दिया है।
हालाँकि, यदि वह आईसीसी के ट्रीटमेंट प्रोग्राम को पूरा करता है तो 3 महीने के बैन को 2 महीने का किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, डोपिंग रोधी नियमों के अनुसार, यूएई के खिलाफ 12 मई को हुए वनडे मैच और उसके बाद के मैचों के उनके रिकॉर्ड को खत्म कर दिया गया है।
ICC ने नशीली दवाओं के इस्तेमाल पर अपनाया सख्त रूख
आईसीसी द्वारा किंग्मा को दी गई यह सजा क्रिकेट में नशीली दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ आईसीसी के सख्त रुख की स्पष्ट याद दिलाता है। हालाँकि किंग्मा का मामला नशीली दवाओं से जुड़ा था, इसलिए आईसीसी ने कड़ी सजा नहीं सुजाई।
हालांकि फिर भी यह सज़ा खेल में अनुशासन पर आईसीसी के रूख को दर्शाती है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि खिलाड़ियों को नशीली दवाओं के इस्तेमाल के जोखिमों और उसके गंभीर परिणामों के बारे में शिक्षित करना कितना ज़रूरी है।