लखनऊ: सभी लोग पुलिसवालों को उनके कड़े रवैये, घूसखोरी की वजह से ही जानते हैं, लेकिन कुछ पुलिस वाले ऐसे भी हैं जो ईमानदार होने के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी हैं. जो मुश्किल वक्त में फर्ज से आगे बढ़कर लोगों की मदद करते हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही पुलिसवाले के बारे में बताएंगे जिन्होंने फर्ज से उपर उठकर एक आदमी की मदद की है.
पुलिसवाले ने की एक गरीब परिवार की मदद
बता दें नागपुर के सीताबुल्दी ट्रैफ़िक ज़ोन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर (ट्रैफ़िक) अजय मालवीय अपने कड़े रवैया और अनुशासन बद्धता के लिए जाने जाते हैं. ट्रैफ़िक पुलिस ने एक ऑटोरिक्शा चालक, रोहित खड़से पर 2000 का जुर्माना लगाया. जिसके बाद उन्होंने उसका ऑटो भी जब्त कर दिया.
रोहित ऑटोरिक्शा चलाकर ही अपने परिवार का ख्याल रखता है. ऑटोरिक्शा चलाने के अलवा उसके बाद कोई दूसरा कोई रास्ता नहीं है. जिसके बाद चालन भरने के लिए रोहित ने अपने बेटे का गुल्लक लेकर थाने पहुंचा था. रोहित ने मालवीय से ऑटो लौटाने की दरख़्वास्त की है.
गुल्लक लेकर थाने पहुंचा गरीब परिवार
स्ट्रिक्ट पुलिस अफसर मालवीय से ये देखा नहीं गया और उन्होंने रोहित का चालान भर दिया. उन्होंने रोहित को ट्रैफ़िक नियम न तोड़ने की हिदायत भी दी है. जिसके बाद नागपुर पुलिस ने ये कहानी ट्विटर पर शेयर करने के साथ परिवार के साथ अजय मालवीय की फ़ोटो भी साझा की है.
चालान के पैसे भरकर पुलिस ने परिवार को लौटाई उसकी रोजी-रोटी
आपको बता दें बीते दिनों ट्रैफ़िक पुलिस रोहित का चालान काटा था, क्योंकि उसने नो-पार्किंग ज़ोन में ऑटो लगाया था. रोहित के नाम पर और भी कई अनपेड चालान थे, इसलिए उसका ऑटो पुलिसवालों ने जब्त कर लिया.
सीताबर्डी वाहतूक विभागाचे कार्यालयामध्ये एक ग्रहस्थ त्याने किरायाने घेतलेला ऑटो चलान झाल्याने ऑटो सोडवण्यासाठी त्याच्या लहान मुलाचा गुल्लक फोडून जमा झालेली रक्कम घेऊन आला, त्याचे डोळे पाणावलेले होते. त्याने कार्यालयामध्ये रक्कम देत मी दंड भरायला तयार आहे माझा ऑटो परत द्या (1/2)
— Nagpur City Police (@NagpurPolice) August 13, 2021
‘लॉकडाउन की वजह से रोहित पहले से ही कर्ज़े में था और उसके पास कोई सेविंग्स नहीं थी. घर की स्थिति काफी खराब होने की वजह से रोहित के बेटे ने अपने गुल्लक को देकर रिक्शा छुड़ाने की बात कही थी. जिसके बाद रोहित गुल्लक ऑटोरिक्शा छुड़ाने थाने पहुंचा.
अजय मालवीय जैसे पुलिस वाले लोगों के दिलों में ये विश्वास जगाते हैं, पुलिस वाले हमेशा डंडे लेकर ही नहीं कभी मदद भी करने के लिए आगे आते हैं. हमें ऐसे देश अफसरों काफी गर्व महसूस करना चाहिए. जो लोगों की मदद के लिए आगे आते हैं.