Babar Azam: बाबर आजम (Babar Azam) की क्रिकेटिंग किस्मत भी किसी रहस्य से कम नहीं। कभी बल्ला खामोश रहे तो आलोचना, और जब रन बरसें तो स्ट्राइक रेट की बहस छिड़ जाती है। अगर टीम जीत जाए तो ट्रोलिंग शुरू हो जाती है, और हार जाए तो दोषी वही ठहराए जाते हैं।
ऐसा ही कुछ हुआ 2018 में अबू धाबी में, जब पाकिस्तान (Pakistan) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में बाबर की किस्मत ने उनके साथ एक और मज़ाक कर दिया…
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Babar Azam शतक के चूके
अबू धाबी के मैदान पर पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। फखर ज़मान (94) और सरफराज अहमद (94) की शानदार पारियों के बावजूद टीम 282 रन ही बना सकी। लेकिन इस पारी में बाबर आजम (Babar Azam) के बल्ले से रन नहीं निकले—दरअसल, खाता भी नहीं खुला!
वो पहली ही पारी में बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौट गए। ड्रेसिंग रूम में बैठे बाबर के लिए यह एक बुरा सपना था, क्योंकि उन्हें पता था कि अब हर कोई सवाल करेगा। लेकिन क्रिकेट में दूसरा मौका हमेशा मिलता है, और बाबर के पास खुद को साबित करने का एक और सुनहरा अवसर था।
Babar Azam की किस्मत ने दिया धोखा
पहली पारी की असफलता को भूलकर बाबर आजम (Babar Azam) ने दूसरी पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी की। उन्होंने शानदार शॉट्स लगाए, धैर्य दिखाया और 99 रन तक पहुंच गए। पूरी दुनिया इंतजार कर रही थी कि बाबर का बल्ला शतक का जश्न मनाएगा, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
शतक से महज एक रन दूर, बाबर आजम (Babar Azam) आउट हो गए! मैदान पर सन्नाटा छा गया, ड्रेसिंग रूम में बैठे साथी खिलाड़ियों ने सिर पकड़ लिया, और खुद बाबर तो मानो कुछ पलों के लिए यकीन ही नहीं कर पाए कि उनके साथ यह हुआ क्या!
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पाकिस्तान की जीत, लेकिन बाबर का अधूरा सपना
पाकिस्तान ने दूसरी पारी में 400 रन बनाकर मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में केवल 164 रन पर ढेर हो गई, और पाकिस्तान ने यह टेस्ट 373 रनों से जीत लिया। हर तरफ जश्न का माहौल था।
जश्न के माहौल के बीच बाबर आजम (Babar Azam) के चेहरे पर अधूरी पारी का मलाल साफ झलक रहा था। जीत टीम के नाम दर्ज हो गई, लेकिन बाबर का शतक किसी और दिन के लिए टल गया। यही उनकी क्रिकेटिंग कहानी रही है—बल्ला बोले या न बोले, चर्चा तो हमेशा होती ही है!
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