Ceo-Fired-From-The-Company-Know-Who-Is-Ankiti-Bose

Ankiti Bose: कंपनी के सीईओ द्वारा कई कर्मचारियों को फायर कर देने वाली खबरें तो आपने खूब सुनी होंगी। लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि सीईओ को ही फायर कर दिया गया और वो भी तब जब कंपनी ही सीईओ ने बनाई हो। जी हां, ऐसा ही एक हैरंतगैज किस्सा हुआ है। अंकिति बोस (Ankiti Bose) के साथ जो जिलिंगो की पूर्व सीईओ और सह-संस्थापक हैं। हाल में ही वह सुर्खियों में इस वजह से आई थी क्योंकि उन्होंने जिलिंगो के को-फाउंडर ध्रुव कपूर और पूर्व चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आदि वैद्य पर केस दर्ज किया था। लेकिन सवाल ये है कि आखिर क्यों कंपनी की सीईओ को हो कंपनी से फायर करना पड़ा।

कौन हैं Ankiti Bose

जिस महिला ने खड़ा किया 70,000 करोड़ का बिजनेस का एम्पायर, फिर अपनी ही कंपनी से निकाली गई धक्के मारकर 

1992 में देहरादून में जन्मी अंकिति बोस (Ankiti Bose) ने मुंबई के कांदिवली के कैंब्रिज स्कूल से पढ़ाई कर साल 2012 में इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया।  जब वह बैंकॉक में कुछ दिन की छुट्टियों पर गई थी तब उन्हें एक स्टार्टअप का आइडिया आया। दरअसल उन्होंने ने देखा कि साउथ ईस्ट एशिया के बाजारों में फैशन प्रॉडक्ट्स के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की काफी कमी है, और उन्होंने लोगों को महसूस हो रही इसी कमी को पूरा करने के लिए जिलिंगो की शुरुआत की। साल 2015 में अंकिति ने अपने पड़ोसी ध्रुव कपूर के साथ मिलकर जिलिंगो की शुरुआत की और यूनीक आईडिया और बेहतर मार्केंटिंग के बल पर इन्होंने 7,000 हजार करोड़ का बिजनेस एंपायर खड़ा कर दिया।

सीईओ से सेलिब्रिटी बनी अंकिति

जिस महिला ने खड़ा किया 70,000 करोड़ का बिजनेस का एम्पायर, फिर अपनी ही कंपनी से निकाली गई धक्के मारकर 

साल 2018 से पहले अंकिति को काफी कम लोग जानते थे लेकिन 2018 में जब अंकिति (Ankiti Bose) का नाम फोर्ब्स एशिया की 30 अंडर 30 लिस्ट में आया तो अंकिति (Ankiti Bose) लाइमलाइट में आ गईं। हालांकि उसके बाद अगले ही साल 2019 में उनका नाम फॉर्च्यून की 30 अंडर 30 और ब्लूमबर्ग 50 में भी नाम आया था जिसने उनके नाम को काफी बड़ा बना दिया था। हालांकि उनका नाम तब सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा था जब साल 2019 में ही उन्हें बिजनेस वर्ल्डवाइड मैगजीन मोस्ट इनोवेटिव सीईओ ऑफ द ईयर-सिंगापुर का अवॉर्ड मिला।

क्यों अपनी ही कंपनी से फायर हुईं Ankiti Bose

जिस महिला ने खड़ा किया 70,000 करोड़ का बिजनेस का एम्पायर, फिर अपनी ही कंपनी से निकाली गई धक्के मारकर 

2015 में स्थापित हुए सिंगापुर बेस फैशन स्टार्टअप जिलिंगों को बनाने के पीछे मात्र दो लोगों का हाथ था एक थी अंकिति बोस और एक उनके पोडोसी ध्रुव। इन दोनों की वजह से ही इस कंपनी ने कई बुलंदियों को छुआ।  2019 में ये कंपनी सुर्खियों में थी क्योंकि तब जिलिंगों की वैल्युएशन 97 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई थी। अंदाजा तो ये भी लगाया जा रहा था कि जल्द ही ये कंपनी  1 अरब डॉलर की वैल्युएशन को हासिल कर यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो जाएगी। लेकिन कोरोना वायरस के कारण यह अंदाजा सही साबित नहीं हो सका।

वहीं कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के बाद बोस को 2022 में अपनी ही कंपनी से निकाल दिया गया था। अंकिति (Ankiti Bose) पर कुप्रबंधन के आरोप लगाए गए, रिपोर्ट के अनुसार उनपर आरोप लगाए गए की उन्होंने बोर्ड की मंजूरी के बिना अपना वेतन 10 गुना बढ़ा दिया। साथ ही उनपर  विभिन्न विक्रेताओं को 1 करोड़ डॉलर के अस्पष्ट भुगतान करने के आरोप भी लगे जिसके कारण उन्हें जिलिंगो के सीईओ के पद से निलंबित कर दिया गया।

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