Cheteshwar Pujara: इसी साल जून में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले भारत को लगातार दूसरी बार खिताबी मुकाबले में हार झेलनी पड़ी। इससे पहले 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ भी टीम इंडिया को डब्ल्यूटीसी के फाइनल में शिकस्त झेलनी पड़ी थी। किसी भी टीम की हार या जीत में सभी खिलाड़ियों का योगदान रहता है। मगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डब्ल्यूटीसी फाइनल में मिली हार का ठीकरा दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) के सिर पर फोड़ा गया और उनकी टीम से छुट्टी कर दी गई।
अब पुजारा ने टीम से ड्रॉप किए जाने पर अपने दिल की बात सबके सामने रखी है। उनका कहना है कि भारतीय टीम से बाहर होने के बाद वह बेहद निराश हैं और उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है। पुजारा ने स्वीकार किया कि भारतीय टेस्ट टीम से बाहर होना एक निराशाजनक अनुभव था।
‘मैं काफी ज्यादा निराश हुआ’
पुजारा ने फाइनल वर्ल्ड पॉडकास्ट के साथ बातचीत करते हुए कहा कि पिछले कुछ समय में उनके करियर में कई बार उतार-चढ़ाव आए और एक खिलाड़ी के रूप में उनकी कड़ी परीक्षा ली गई। उन्होंने कहना है कि इतना सारा अनुभव होने के बावजूद खुद को साबित करना बड़ी चुनौती होती है। 35 साल के पुजारा ने कहा,
“पिछले कुछ वर्षों में उतार-चढ़ाव आए हैं। यह एक खिलाड़ी के रूप में आपकी परीक्षा लेता है, क्योंकि 90 से अधिक टेस्ट मैच खेलने के बाद, मुझे अभी भी खुद को साबित करना था। मुझे अभी भी यह साबित करना था कि मैं वहां हूं। यह एक अलग तरह की चुनौती है। कभी-कभी आप निराश हो जाते हैं। यह आसान नहीं है। कभी-कभी यह आपके ईगो के साथ भी खेलता है।”
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बीसीसीआई पर साधा निशाना
पुजारा ने चयनकर्ताओं और बीसीसीआई पर निशाना साधते हुए कहा कि बार – बार खुद को साबित करने से सोचना पड़ता है कि जिसके लिए आप मेहनत कर रहे हैं वो इस लायक है या नहीं। उन्होंने कहा, ”
“अगर आपको खुद को बार-बार साबित करना पड़ता है, तो क्या वह इसके लायक है? मुझे पता है कि मैंने टीम इंडिया के लिए जिस तरह का योगदान दिया है, मुझे अभी भी बहुत योगदान देना है। मेरे क्रिकेटिंग करियर में, मुझ पर कई बार दबाव डाला गया है, जहां मैंने टीम में अपना स्थान खो दिया है। मगर आप सिर्फ टीम के लिए खेलने की कोशिश करते हैं। आप अपने स्थान के लिए खेलने की कोशिश नहीं करते हैं। यदि आप अपने स्थान के लिए खेलते हैं, तो आप सिर्फ एक स्वार्थी क्रिकेटर हैं, जो सिर्फ अंतिम एकादश में बने रहते हैं, जो टीम में अपने स्थान के लिए खेलते हैं, लेकिन टीम के लिए योगदान नहीं देते हैं।”
डब्ल्यूटीसी 2021 – 23 में पुजारा के प्रदर्शन रहा है शानदार
चेतेश्वर पुजारा पिछले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र 2021-2023 में विराट कोहली (932) के बाद भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने 17 टेस्ट मैचों में 928 रन बनाए। वहीं, पुजारा ने अपने करियर में कुल 103 टेस्ट मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है, जिनमें उन्होंने 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 19 शतक और 35 अर्धशतक निकले।
फ़िलहाल पुजारा इंग्लैंड में जारी वनडे कप में खेल रहे हैं, जहां उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। दाएं हाथ के बल्ले से 6 पारियों में 2 शतक और 1 अर्धशतक की मदद से 316 रन बनाए हैं।
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