Cricket: ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट (Cricket) टीम में एक से बढ़कर एक धुरंधर खिलाड़ी मौजूद है, जिनके अंदर ऐसा- ऐसा कारनामा करने की काबिलियत है जो दुनिया की कई क्रिकेट टीमें मिलकर नहीं कर सकती है, तभी तो इसे दुनिया की सबसे सर्वश्रेष्ठ और मजबूत क्रिकेट टीमों में गिना जाता है, जिसका सामना करने से अच्छे से अच्छे खिलाड़ी भी कतराते हैं. आज हम ऑस्ट्रेलिया के ऐसे ही एक बल्लेबाज की बात करने जा रहे हैं
जिसने अपने बल्लेबाजी के दौरान इस कदर तूफान उठाया कि विरोधी गेंदबाज पूरी तरह उनके आगे नतमस्तक नजर आए. किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि अकेले यह खिलाड़ी इतनी बड़ी पारी खेल देगा जो पूरी टीम मिलकर भी नहीं खेल पाती है, लेकिन इस खिलाड़ी ने यह साबित कर दिया कि जब वह फॉर्म में आ जाते हैं तो फिर उनके हाथों से कई बड़े रिकॉर्ड का टूटना तय होता है.
Cricket: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने की आंधी तूफान जैसी बल्लेबाजी
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट (Cricket) टीम में तो एक से बढ़कर एक खिलाड़ी मौजूद है जिनके अंदर यह कारनामा करने का साहस भरा है लेकिन हम यहां जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं, वह कोई और नहीं बिल पाँन्सफोर्ड है जिन्होंने अपनी टीम विक्टोरिया के लिए बल्लेबाजी करते हुए शानदार तरीके से पारी का आगाज किया. बिल पाँन्सफोर्ड ने इस मैच में कुल 437 रन बनाए. अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने 42 चौके लगाए. इस मुकाबले में बिल पाँन्सफोर्ड के साथ ओपनिंग करने उतरे कप्तान बिलवुडफुल ने 31 का योगदान दिया.
इसके बाद वह आउट हो गए जहां दूसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए बिल पाँन्सफोर्ड ने अपनी टीम की जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई और अपनी टीम के लिए एक ऐसा स्कोर खड़ा किया जो टीम के सभी खिलाड़ी मिलकर भी नहीं कर पाए. यही वजह है कि इस मुकाबले (Cricket) में उनकी टीम को मजबूती हासिल हुई.
अकेले बना डाले 437 रन
हम यहां 1927 से 1928 सीजन के बीच खेले गए शेफिल्ड शिल्ड की बात कर रहे हैं जहां क्वींसलैंड की टीम (Cricket) ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया. इसके जवाब में विक्टोरिया की टीम ने बिल पाँन्सफोर्ड के 437 रन के बदौलत 793 रन का मजबूत स्कोर बनाया. इसके जवाब में जब क्वींसलैंड की टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो 189 और 407 रन का स्कोर बनाकर टीम आउट हो गई
जहां विक्टोरिया ने पहली इनिंग और 197 रन के बड़े अंतर से इस मुकाबले को अपने नाम किया जहां खिलाड़ियों का मजबूत और दमदार प्रदर्शन अपनी टीम के लिए काम आया. क्रिकेट के क्षेत्र में यह रिकॉर्ड आज भी सुनहरे अक्षरों में दर्ज है जिसे देखकर कई टीम में प्रेरणा लेती है क्योंकि ऐसा कारनामा कभी-कभी ही देखने को मिलता है, जब मैदान पर कुछ ऐसा हो जाता है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
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