Cricketers

कोविड-19 की वजह से हुए लॉकडाउन और लॉकडाउन के बाद आम लोगों की जिंदगी को बदलने की प्रक्रिया को शायद ही कोई भविष्य में भुला पाएगा। अगर बात करें क्रिकेट जगत की बात करें तो बता दें Cricketers को भी कोरोना महामारी की वजह से 14 दिनों तक क्वारंटाईन रहना पड़ा था, जो कि उनके लिए काफी चुनौतीपुर्ण था। लेकिन क्या आप जानते है कि इस महामारी से पहले भी Cricketers को एक बार क्वारंटन रहना पड़ा था। नहीं न, तो चलिए आज इस आर्टिकल के माध्यम से बताते है ये अनसुना किस्सा।

कोरोना महामारी से पहले भी क्वांरटीन रहे थे ये Cricketers

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दरअसल कोरोना महामारी ने देश में कदम रखते ही सभी लोगों की जीवन बदल कर रख दी थी, जहां लोगों को अपने ही घर में कैदी की तरह रहना पड़ रहा था, तो वहीं तमाम क्रिकेटर्स को भी क्वारंटीन में रहना पड़ा था। जिससे पूरे देश ने काफी दिक्कतों का सामना किया। वहीं एक किस्सा बताते वाले है जो आपने शायद ही पहले कभी सुना होगा।

बता दें रिकॉर्ड के अनुसार सन 1920-21 की सीरीज के लिए इंग्लिश क्रिकेटर RMS-Osterley नाम के शिप पर ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए थे। उस समय कप्तान थे जेडब्ल्यूएचटी डगलस। जैसे ही शिप पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के फ्रेमेंटल पहुंचा तो क्रिकेटरों को वहां से सीधा क्वारंटीन में रहना पड़ा था।

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अपने इस सफर के अनुभव को जैक हॉब्स ने अपनी ऑटो बायोग्राफी में ‘भयानक’ का नाम दिया था। उन्होंने सन 1935 की उस किताब में लिखा- ‘रास्ता बड़ा लंबा था। शिप रास्ते में कोलंबो रुका। पहले से ही वहां एक मैच खेलने का इंतज़ाम था। क्रिकेटर शिप से, मैच खेलने स्टेडियम गए और जब तक वे लौटे- नजारा ही बदल गया था। उनकी गैर मौजूदगी में पता चला कि शिप में किसी को जान लेवा बुखार है और ये ऐसा बुखार है जो नजदीक वाले को भी हो जाएगा। जब क्रिकेटर लौटे तो शिप पर पीला झंडा लहरा रहा था। अगले दिन एक और मुसीबत आ गई- टीम के 8 क्रिकेटर पेट दर्द से बुरी तरह कराह रहे थे- कोलंबो में लंच में जो स्वादिष्ट झींगे (प्रॉन) खाए थे- ये उनकी ‘मेहरबानी’ थी।

क्रिकेटर के बुखार से वायरस का सता रहा था डर

कोरोना काल से पहले भी Cricketers को रहना पड़ा था क्वारंटीन, सामने आया अनसुना किस्सा

इसके बाद ये खबर ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई थी और वहां डर ये था कि कहीं ये क्रिकेटर अपने साथ उस बुखार का वायरस तो नहीं ले आए हैं? फ्रेमेंटल में, उन्हें एक हफ्ते के लिए क्वारंटीन के लिए गुडमैन प्वाइंट नाम की जगह पर ठहरा दिया। यहां सेना की हट थीं और गनीमत ये थी कि क्रिकेटरों को कमरे में बंद नहीं किया। उन्हें खुली हवा में फुटबॉल खेलते, नहाते रहते और तालाब में मछली पकड़ते हुए पाया जाता था।

क्वारंटीन की वजह से टीम को हुआ ये नुकसान

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बता दें इसका नुक्सान ये हुआ कि क्रिकेट की प्रैक्टिस नहीं हो पाई। टूर के सबसे पहले मैच से सिर्फ एक दिन पहले प्रैक्टिस की। पर्थ में टूर मैच जो तीन दिन का था- उसे एक दिन के मैच में बदल दिया। वारविक आर्मस्ट्रांग की ऑस्ट्रेलिया टीम ने तब टेस्ट सीरीज में मेहमानों को 5-0 से अपमानजनक हार दी थी। क्या ये सब उस क्वारंटीन का नतीजा था जिसने टीम की प्रैक्टिस की लय बिगाड़ दी।

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